इलेक्टोरल बॉन्ड मामला: एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, कल तक ही देना होगा इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा ब्योरा
- सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की अर्जी को किया खारिज
- 12 मार्च को ही देना होगा चुनावी बॉन्ड का ब्योरा
- बैंक मांग रही थी 30 मार्च तक का समय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इलेक्टोरेल बॉन्ड से संबंधित मामले में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने बैंक की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से भुनाए गए चुनावी बॉन्ड की डिटेल देने के लिए समय सीमा को 30 मार्च तक बढ़ाने की अपील की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की दरखास्त को बरखास्त कर कल यानि 12 मार्च को ही पूरा डिटेल देने का आदेश दिया है।
कोर्ट का सवाल
मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एसबीआई के वकील हरीश शाल्वे से पूछा कि आखिर दिक्कत कहां आ रही है? कोर्ट ने बैंक से कहा कि आपके पास तो सील बंद लिफाफा है, उसे खोलिए और सुप्रीम कोर्ट को आंकड़ा उपलब्ध कराएं। कोर्ट के सवाल का जवाब देते हुए एसबीआई के वकील हरीश शाल्वे ने आंकड़े उपलब्ध करवाने में देरी का कारण बताते हुए कहा, "हमने एक्स्ट्रा टाइम की रिक्वेस्ट की है। आदेश के मुताबिक, हमने चुनावी बॉन्ड देना बंद कर दिया है। आंकड़े देने में भी कोई समस्या नहीं है लेकिन उन्हें व्यवस्थित करने में कुछ समय लगेगा। ... इसका कारण ये है कि हमें पहले बताया गया था कि ये गुप्त रहेगा, इसलिए बहुत कम लोगों के पास इसकी जानकारी थी। ये बैंक में सभी के पास उपलब्ध नहीं था।"
आदेश नहीं मानने पर कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने आंकड़ा उपलब्ध करवाने के लिए समय सीमा बढ़ाने की एसबीआई की अर्जी को खारिज कर दिया। फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, "एसबीआई ने कहा कि कैश कराने वाले की जानकारी भी अलग से रखी है। दोनों को मिलाना कठिन काम है। 22 हजार से अधिक चुनावी बॉन्ड साल 2019 से 2024 के बीच खरीदे गए। 2 सेट्स में आंकड़े होने के चलते कुल आंकड़ा 44 हजार से अधिक है। ऐसे में उसके मिलान में समय लगेगा। हम एसबीआई का आवेदन खारिज कर रहे हैं। कल यानी 12 मार्च तक उपलब्ध आंकड़ा दें। चुनाव आयोग 15 मार्च तक उसे प्रकाशित करे।" सुप्रीम कोर्ट ने आदेश नहीं मानने पर एसबीआई के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम अभी एसबीआई पर अवमानना की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं पर अब पालन नहीं किया तो अवमानना का मुकदमा चलाएंगे।"
Created On :   11 March 2024 7:15 AM GMT