कोलकाता रेप-मर्डर केस वर्डिक्ट: कोर्ट ने संजय रॉय को सुनाई उम्रकैद की सजा, 50 हजार रुपये का लगाया जुर्माना, जस्टिस दास ने कहा - 'ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं है'

कोर्ट ने संजय रॉय को सुनाई उम्रकैद की सजा, 50 हजार रुपये का लगाया जुर्माना, जस्टिस दास ने कहा - ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं है
  • कोलकाता रेप-मर्डर मामले में सामने आया बड़ा फैसला
  • कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को सुनाई उम्रकैद की सजा
  • 50,000 हजार रुपये का लगाया जुर्माना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर मामले में दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा संजय रॉय पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोलकाता के सियालदह की सत्र अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने सुनाया है। सजा सुनाने के दौरान जस्टिस अनिरबन दास ने कहा कि 'ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं है'। इस वजह से अपराधी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

इससे पहले 18 जनवरी को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर मामले में संजय रॉय को दोषी करार दिया गया था। इसके बाद सोमवार में कोलकाता के सियालदह की सत्र अदालत में संजय रॉय को सजा देने की सुनावई है। जज ने दोपहर 2.45 बजे तक फैसला सुरक्षित रखा लिया है। इसके बाद अब कोर्ट ने संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस फैसले पर पूरे देश की नजरें टिकी थी। आइए जानते हैं कि कोर्ट में सोमवार को सुनावई के दौरान क्या-क्या हुआ।

जज ने संजय रॉय से कही थे ये बात

कोर्ट में सजा सुनाने से पहले जज ने संजय राय से कहा, "मैंने तुम्हें पहले ही बताया था कि तुम पर लगाए गए सभी आरोप जैसे बलात्कार और हत्या के आरोप साबित हो चुके हैं। संभावित सजा के बारे में तुम क्या कहना चाहोगे?" इस पर संजय ने कहा, "मुझे बिना किसी वजह के फंसाया गया है। मैं हमेशा रुद्राक्ष की माला पहनता हूं, अगर मैं अपराध करता तो क्राइम सीन में ही माला टूट जाती। मुझे बोलने नहीं दिया गया। कई कागजों पर जबरदस्ती साइन करवाए गए।"

संजय की दलील पर जज ने कहा, "मैंने तुम्हें, मुझसे बात करने के लिए करीब आधा दिन दिया था। मैंने तुम्हें 3 घंटे तक सुना। मेरे सामने जो भी आरोप, सबूत, दस्तावेज, गवाह पेश किए गए, उनकी जांच की गई और इनके आधार पर मैंने तुम्हें दोषी पाया है। तुम पहले ही दोषी साबित हो चुके हो। अब मैं सिर्फ सजा के बारे में तुम्हारी बात सुनना चाहता हूं। तुम्हारे परिवार में कौन-कौन है? क्या वे तुमसे संपर्क रखते हैं?" इस पर संजय ने कहा कि वह जब से जेल में है, उससे कभी कोई नहीं मिला।

सीबीआई के वकील वे कहा कि यह दुर्लभ मामला है। पीड़िता मेधावी छात्रा थी। इस घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। माता-पिता ने अपनी बेटी खो दी है। अगर डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं तो क्या कहा जा सकता है? केवल फांसी की सजा ही समाज में विश्वास ला सकता है।

संजय रॉय के वकील ने दी ये दलील

संजय रॉय के वकील ने कहा कि यह दुर्लभ मामला नहीं है। मैं आपको केस रेफरेंस दे सकता हूं। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही सुधार के बारे में कहा है। फांसी के बजाय वैकल्पिक सजा पर विचार करना चाहिए। आपके समक्ष हमारी यही विनम्र प्रार्थना है। इस बीच पीड़ित ट्रेनी डॉक्टर के परिवार ने कहा है कि अदालत ने संजय रॉय को दोषी पाया है। इसलिए उसे उच्चतम यानी फांसी की सजा दी जानी चाहिए।

मालूम हो कि कोलकाता के सियालदह की सत्र अदालत ने 18 जनवरी को आरजी कर मेडिकल रेप-मर्डर केस में संजय रॉय को दोषी ठहराया था। कोर्ट में जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा- 64 (बलात्कार के लिए सजा), 66 (मृत्यु का कारण बनने के लिए सजा) और 103 (हत्या) के तहत दोषसिद्धि करार दिया था। सियालदह कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने मुकदमा शुरू होने के 57 दिन बाद फैसला सुनाया था। जज ने संजय रॉय को सजा सुनाते हुए कहा था, 'तुम्हें सजा मिलनी ही चाहिए।'

संजय ने जज से पूछा था, "मुझे फंसाने वाले अन्य लोगों को क्यों छोड़ा जा रहा है?" इसके जवाब में जज अनिर्बान दास ने कहा था, "मैंने सभी सबूतों की बारीकी से जांच की है और गवाहों को सुना है, मुकदमे के दौरान दलीलें भी सुनी हैं। इन सब से गुजरने के बाद मैंने तुम्हें दोषी पाया है। तुम दोषी हो। तुम्हें सजा मिलनी ही चाहिए।"

Created On :   20 Jan 2025 3:10 PM IST

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