दीक्षांत समारोह: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा फोरेंसिक साक्ष्य के आधार पर वंचित वर्गों को निष्पक्ष और त्वरित न्याय मिले

- गांधीनगर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह
- न्याय आधारित सामाजिक व्यवस्था को सर्वश्रेष्ठ माना
- समावेशी न्याय प्रणाली मजबूत -मुर्मू
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा फोरेंसिक साक्ष्य के आधार पर सभी वर्गों, विशेष रूप से कमजोर तथा वंचित वर्गों को निष्पक्ष और त्वरित न्याय मिलना चाहिए है। यहीं हमारा लक्ष्य होना चाहिए। आपको बता दें राष्ट्रपति मुर्मू शुक्रवार को गांधीनगर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुई। उन्होंने समावेशी न्याय प्रणाली को मजबूत माना।
राष्ट्रपति ने देश में न्याय आधारित सामाजिक व्यवस्था को सर्वश्रेष्ठ माना। मुर्मू ने कहा कि विरासत और विकास को मिलाकर हम न्याय आधारित विकसित भारत का निर्माण कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने आगे कहा गृह मंत्रालय ने पिछले कुछ सालों में फोरेंसिक विज्ञान की भूमिका को मजबूत करने और इस क्षेत्र में सुविधाएं और क्षमता विकसित करने के लिए कई प्रभावी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने छात्रों से देश के सुशासन में योगदान देने का भी आग्रह किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों में अपराध जांच और साक्ष्य से जुड़े अहम बदलाव किए हैं और जिन केस में सजा की अवधि 7 वर्ष या उससे अधिक है, उनमें अब फोरेंसिक विशेषज्ञ का घटनास्थल पर जाकर जांच करना अनिवार्य कर दिया गया है। राष्ट्रपति ने कहा डे पर डे प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे बदलावों, विशेषकर डिजिटल प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञों की क्षमताएं बढ़ रही हैं।
Created On :   28 Feb 2025 5:49 PM IST