श्वेत पत्र: अग्निवीर योजना पर राहुल गांधी बढ़ाएंगे सरकार की मुश्किलें! सदन में श्वेत पत्र लाने की तैयारी में विपक्ष, जानिए क्या है ये प्रक्रिया
- राहुल गांधी श्वेत पत्र की मांग की
- अग्निवीर योजना पर सरकार से चर्चा करना चाहता है विपक्ष
- अग्निवीर योजना को लेकर लगातार सरकार पर बना रहा दवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान विपक्ष ने अग्निपथ योजना को मुद्दा बनाया। लेकिन इस मामले को लेकर केंद्र सरकार की ओर से किसी भी तरह का जवाब सामने नहीं आया। इस बीच कांग्रेस ने अग्निपथ योजना को लेकर सरकार से श्वेत पत्र की मांग की है। ऐसे में समझने की कोशिश करते हैं कि श्वेत पत्र क्या होता है? साथ ही, इसकी मांग करने से क्या फायदा होता है? इसका मतलब क्या है?
क्या है श्वेत पत्र?
श्वेत पत्र एक तरह की रिपोर्ट होती है। जिसे सूचनात्मक रिपोर्ट के तौर पर जाना जाता है। सदन में श्वेत पत्र लाने के बाद सरकार की किसी भी योजना की नीतियों, उपलब्धियों और मुद्दों के बारे में बताती है। इसकी शुरुआत साल 1922 में ब्रिटेन में हुई थी। अगर लोकसभा सत्र के दौरान श्वेत पत्र की मांग की जाती है तो सरकारी कागजात के साथ सरकार को मामले का विवरण देना पड़ता है।
इसके अलावा सरकारें आमतौर पर मुद्दों पर चर्चा करने, कार्रवाई करने, सुझाव देने के अलावा निष्कर्ष निकालने के लिए किसी विशेष विषय पर एक श्वेत पत्र जारी किया जाता है। श्वेत पत्र किसी भी विषय के बारे में जारी हो सकता है। इसके जरिए काम करने के तरीके को बेहतर बनाने के लिए सलाह या फिर सुझाव भी देता है।
कौन लाता है श्वेत पत्र?
श्वेत पत्र सरकार के अलावा किसी भी ऑर्गेनाइजेशन, कंपनी, संस्था की ओर से जारी किया जा सकता है। इसमें वो अपने कर्मचारियों, ग्राहकों या जनता को उत्पादों की पूरी और विस्तृत जानकारी देता है। इसके अलावा कई संस्था अपने ही तकनीक का प्रचार-प्रसार करने के लिए भी श्वेत पत्र जारी करती हैं। जिसे वो आम लोगों तक पहुंचा सकें।
श्वेत पत्र के बारे में
श्वेत पत्र में सरकार की कमियों को उजागर के करने लिए लाई जाती है। साथ ही, किसी योजना के दुष्परिणामों और सुधार करने जैसे सुझावों के लिए भी सदन में श्वेत पत्र लाया जाता है। वहीं, उत्पादन/तकनीक से जुड़े श्वेत पत्र में उस उत्पादन/तकनीक से जुड़ी विभिन्न जानकारियां शामिल होती हैं। उदाहरण के तौर पर उस तकनीक की वजह से मिलने वाली सुविधाएं, उसका उपयोग करने का तरीका और आवश्यक वातावरण, अन्य तकनीक से यह कैसे भिन्न है, इसकी कीमत आदि जानकारियां शामिल होती हैं।
क्यों चर्चा में है श्वेत पत्र
केंद्र सरकार की ओर से जब से अग्निपथ योजना लाई गई है तब से ही विपक्ष हमलवार नजर आ रहा है। विपक्ष अग्निपथ योजना में दी जाने वाले सुविधाएं और शहीद जवान के साथ होने वाले भेदभाव पर सरकार को घेर रही है। साथ ही, विपक्ष का कहना है कि सरकार को ऐसी योजना नहीं लानी चाहिए थी। विपक्ष ने यह आरोप लगाया कि युवाओं को केवल चार साल सेना में क्यों रखा जा रहा है। इसकी समय सीमा बढ़ाई जाए। बता दें कि, 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान विपक्ष ने अग्निवीर का मुद्दा उठाया था। जिस पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह में काफी नोकझोंक देखने को मिली थी। ऐसे में अब सरकार के सामने विपक्ष अग्निपथ योजना को लेकर श्वेत पत्र की मांग कर रहा है। 23 जुलाई को बजट सत्र आने वाला है। इस दौरान माना जा रहा है कि विपक्ष सदन में अग्निपथ योजना को लेकर श्वेत पत्र की मांग कर सकता है।
Created On :   8 July 2024 7:53 PM IST