बिहार BPSC आंदोलन: जेल से आने के बाद प्रशांत किशोर का जारी रहेगा आमरण अनशन? प्रेस कॉन्फ्रेंस में जन सुराज पार्टी के चीफ ने किया क्लियर
- पटना में बीपीएसी छात्रों का जारी है विरोध प्रदर्शन
- जेल से आने के बाद प्रशांत किशोर ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
- आमरण अनशन को लेकर साफ किया रुख
डिजिटल डेस्क, पटना। राजधानी पटना में बीपीएससी परीक्षा से जुड़ी मांगों को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन बदस्तूर जारी है। इस बीच सोमवार को जन सुराज पार्टी के चीफ प्रशांत किशोर को कोर्ट से बिना शर्त जमानत मिल गई है। इससे पहले सोमवार तड़के पटना के गांधी मैदान में बापू मूर्ति के नीचे आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस उन्हें बेऊर जेल ले गई। हालांकि, उनके जेल जाने से पहले कोर्ट से उनका फाइनल ऑर्डर आ गया। इस ऑर्डर में प्रशांत किशोर को बिना शर्त के जमानत मिलने का उल्लेख किया गया था। इसके बाद बिहार की नीतीश सरकार के खिलाफ यह प्रशांत किशोर की पहली जीत के तौर पर देखा जा रहा है। जेल से बाहर आने के बाद प्रशांत किशोर ने सोमवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस दौरान उन्होंने मीडिया से अनशन के सवाल पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अनशन जारी था, जारी है और जारी रहेगा।
जन सुराज चीफ ने मीडिया से कहा पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद अनशन का पांचवा दिन पानी पीकर ही गुजारा। पीके ने कहा कि आज (सोमवार) रात युवा संघर्ष समिति की बैठक होगी। अनशन के स्थान और स्वरूप की घोषणा वे कल मंगलवार को करेंगे।
आमरण अनशन को लेकर पीके ने कही ये बात
प्रशांत किशोर ने कहा, "हम लोगों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए कोर्ट की ओर से बिना शर्त जमानत दे दी गई। मैं अपनी बातों में हमेशा कहता हूं कि जन बल के आगे कोई बल नहीं है। एक तरह से आश्चर्यजनक बात है कि प्रशांत किशोर को पुलिस ने डिटेन किया, पुलिस के अनुसार कोर्ट ने हम लोगों को कंडीशनल (शर्त के साथ) बेल दिया। हम लोगों ने इसे मानने से इनकार किया। जेल जाना स्वीकार किया।"
इसके बाद उन्होंने कहा, "पुलिस मुझे बेऊर जेल ले गई। मुझे बेऊर जेल में नहीं रखा गया क्योंकि पुलिस के पास पेपर ही नहीं था। वो पेपर के इंतजार में बैठे रहे। कोर्ट की ओर से फाइनल निर्णय आया क्योंकि फिर से केस की बहस हुई। कोर्ट ने हम लोगों की बातों का संज्ञान में लेते हुए अनकंडीशनल (बिना शर्त के) बेल दिया है। पुलिस पर टिप्पणी की है। एक तरह से हम लोगों की उस बात को सही साबित किया है कि गांधी मैदान में बैठकर शांतिपूर्ण सत्याग्रह किसी कानून का उल्लंघन नहीं है।"
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि पूरे दिन के घटनाक्रम में बहुत सारे अनुभव में उन्होंने देखा कि सैकड़ों ऐसे पुलिस वाले हैं जो पहले से जनसुराजी हैं. वे एम्स गए तो वहां भी डॉक्टर ने कहा कि वो तीन साल से जन सुराज से जुड़े हुए हैं।
बीपीएससी मामले पर हाई कोर्ट का करेंगे रुख
पीके ने कहा, "एम्स के डॉक्टरों ने मुझे भर्ती नहीं किया क्योंकि पुलिस के पास कागज नहीं था। पुलिस एम्स से निकालकर ले गई और पांच घंटे एंबुलेंस में घुमाती रही। कोई तैयार नहीं हुआ कि फर्जी तरीके से कागज बनाए। फतुहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों को सलाम करता हूं कि पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्होंने फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया।"
जन सुराज पार्टी के चीफ ने कहा, "जब फतुहा से पुलिस वाले पटना लेकर आ रहे थे तो तीन से चार पुलिसकर्मियों ने बताया कि सर जो आप लड़ाई लड़ रहे हैं हम लोग भी बीपीएससी के अभ्यर्थी रहे हैं। जो आप काम कर रहे हैं बच्चों के भले के लिए कर रहे हैं। हम लोग नौकरी से बंधे हैं, लेकिन आपका समर्थन करते हैं। कोर्ट में ज्यादातर लोगों ने कहा कि बिल्कुल झुकने या डरने की जरूरत नहीं है। मैं बिहार के हर उस आदमी को धन्यवाद देता हूं जिसने आज की लड़ाई में जन सुराज की विचारधारा, सत्यता और सत्याग्रह पर हम लोगों की मदद की।"
दूसरी ओर प्रशांत किशोर ने अंत में कहा कि बीपीएससी के मामले मे वे हाई कोर्ट जाएंगे। बिहार लोक सेवा आयोग का घोटाला हजार करोड़ का है। एक-दो दिन में वे हाई कोर्ट में याचिका डालेंगे।
Created On :   7 Jan 2025 1:48 AM IST