आठ बार अमेरिका जा चुके पीएम पहली बार करेंगे अमेरिका की राजकीय यात्रा, समझिए दोनों यात्राओं का फर्क
- पीएम मोदी की पहली राजकीय यात्रा
- व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वह कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। भारत और अमेरिका विश्व के दो ऐसे देश हैं। जिसमें से एक दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो दूसरा सबसे पुराना लोकतंत्र है। यही वो मूलमंत्र है जो दोनों देशों को एक दूसरे के करीब लाता है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली अमेरिकी राजकीय यात्रा कई मायमों में खास है। इससे पहले इस तरह का सम्मान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को वर्ष 2009 में मिल था।
पीएम मोदी की पहली राजकीय यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी की यह 8वीं अमेरिकी यात्रा होगी। लेकिन 9 सालों के कार्यकाल में उनकी पहली राजकीय यात्रा है। इसका मतलब यह हुआ कि इस बार पीएम मोदी की यह यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के आधिकारिक निमंत्रण पर हो रही है। विदेशी मामलों के जानकर इस यात्रा को बहुत ही अहम मान रहे हैं। उनका मानना है कि दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों और आर्थिक क्रियाकलापों पर समझौता हो सकता है।
व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव के. जीन पियरे ने बयान जारी करते हुए कहा कि ‘‘आगामी यात्रा अमेरिका और भारत के बीच गहरी एवं नजदीकी साझेदारी को बढ़ाएगी, साथ ही अमेरिकियों और भारतीयों को जोड़ने वाले गर्मजोशी भरे संबंधों को भी मजबूत करेगी। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से स्वतंत्र, मुक्त, समृद्ध और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता और मजबूत होगी। दोनों नेता शिक्षा के क्षेत्र तथा लोगों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे"
अमेरिकी राजकीय यात्रा खास क्यों?
अमेरिका की राजकीय यात्रा कई मायनों में बहुत खास होती है। इसमें मेहमान देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या राजा को ‘स्टेट डिनर’ दिया जाता है। आपको बता दें कि अमेरिका में किसी भी राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 सालों का होता है। जिसमें वह सिर्फ एक बार ही किसी नेता को ऐसा निमंत्रण दे सकता है। जो बाइडेन ने यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को दिया है। वहां दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष के बीच उपहारों का आदान-प्रदान होगा। साथ ही पीएम मोदी को 21 तोपों की सलामी भी दी जा सकती है।
आर्म्ड ड्रोन्स-जेट इंजनों की होगी डील
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) और हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स के बीच समझौता हो सकता है। इससे भारतीय लड़ाकू विमान ‘तेजस’ में लगने वाले अमेरिकी जेट इंजनों का भारत में ही निर्माण हो सकेगा। साथ ही अमेरिका और भारत के बीच 30 MQ-9 B आर्म्ड ड्रोन खरीदने की डील भी हो सकती है। जिससे 10 ड्रोन भारत की तीनों सेनाओं को मिलेंगे।
दिल्ली में होगा 'आइडिया' समिट का आयोजन
भारत और अमेरिका में अंतरिक्ष, ऊर्जा और व्यापारिक मामलों में सहयोग बढ़ाने के लिए अमेरिका-इंडिया बिजनेस काउंसिल 'आइडिया' समिट करेगी। ये समिट दिल्ली में आयोजित की जाएगी। इसमें दोनों देशों की कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधि शामिल होंगे।
वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा भारत- कर्ट कैंपबेल
इस यात्रा से दोनों देशों के बीच कारोबार, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, उद्योग, सुरक्षा, स्वास्थ्य, सेवा, अनुसंधान सहित लोगों के बीच संपर्क सहित साक्षा हितों से जुड़े द्विपक्षीय मुद्दों की समीक्षा करने का अवसर भी मिलेगा। बाइडेन प्रशासन के शीर्ष अधिकारी कर्ट कैंपबेल का कहना है कि दोनों देशों में आज जो भरोसा और विश्वास है, वह एक दशक पहले नहीं था। कर्ट कैंपबेल जो कि इंडो-पैसिफिक रीजन के मामलों पर अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं, वो मानते हैं कि आज भारत वैश्विक स्तर पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
Created On :   8 Jun 2023 12:23 PM GMT