शीतकालीन सत्र: जवाहरलाल नेहरू से राजीव गांधी तक के कार्यकाल का पीएम मोदी ने किया जिक्र, लगाया संविधान की धज्जियां उड़ाने का आरोप
- धारा 370 को हमने ज़मीन में गाड़ दिया- पीएम मोदी
- आर्टिकल 370 देश की एकता में दीवार बना पड़ा था- पीएम मोदी
- पीएम मोदी का कांग्रेस पर तीखा प्रहार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोकसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा के दौरान संबोधन किया। संविधान के 75 वर्ष की यात्रा यादगार यात्रा है और विश्व के सबसे महान और विशाल लोकतंत्र की यात्रा है।
कुछ लोगों ने आरक्षण में हेराफेरी करने की कोशिश की- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हालांकि, वोट बैंक की राजनीति ने इस व्यवस्था को हाईजैक कर लिया। कुछ लोगों ने धर्म और तुष्टिकरण के आधार पर आरक्षण में हेराफेरी करने की कोशिश की। गौरतलब है कि इस पाप के शिकार एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय थे। बाबा साहब अंबेडकर एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने अपना जीवन समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए समर्पित कर दिया। उनका लक्ष्य था कि भारत के विकास के लिए कोई भी वर्ग कमज़ोर न रहे। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने आरक्षण प्रणाली की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य वंचितों को समानता और अधिकार प्रदान करना था।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लिए सत्ता सुख और सत्ता भूख। यही एकमात्र इतिहास है, कांग्रेस का वर्तमान है। हमने भी संविधान संशोधन किए हैं। लेकिन देश की एकता के लिए, देश की अखंडता के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए और संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं।
कांग्रेस के डीएनए का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि एक शब्द है- जुमला, जिसके बिना वो (कांग्रेस) जी नहीं सकते। लेकिन इस देश को पता है हिंदुस्तान में अगर सबसे बड़ा जुमला कोई था और वो 4-4 पीढ़ी ने चलाया। वह जुमला था - 'गरीबी हटाओ'। यह ऐसा जुमला था जिससे उनकी राजनीति की रोटी तो सेकी जाती थी, लेकिन गरीब का हाल ठीक नहीं होता था।
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान का दुरुपयोग करना और उसकी भावना को नष्ट करना कांग्रेस के डीएनए का हिस्सा रहा है। हमारे लिए संविधान, उसकी पवित्रता और उसकी अखंडता सबसे महत्वपूर्ण है! ये सब सिर्फ शब्द में नहीं हैं। जब-जब हमें एक शो पर कसा गया, तब-तब पाया गया कि हम टैप करके निकले हुए लोग हैं।
6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि पहले पंडित नेहरू का अपना संविधान चलता था और इसलिए उन्होंने वरिष्ठ महानुभावों की सलाह मानी नहीं। करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया, जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री जी ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था श्रीमती इंदिरा गांधी। 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था, उस फैसले को संविधान बदलकर पलट दिया गया और 1971 में ये संविधान संशोधन किया गया था। उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे।
35-ए का पीएम मोदी ने किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि जब संविधान 50 वर्ष का हुआ, तो अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने 26 नवंबर, 2000 को देशव्यापी समारोह आयोजित किए। प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने राष्ट्रीय एकता और जब भागीदारी पर जोर देते हुए एक विशेष संदेश दिया। उन्होंने संविधान की भावना पर प्रकाश डाला और लोगों को इसके महत्व के प्रति जागरूक किया। उनके संदेश ने नागरिकों को संविधान के सिद्धांतों को अपनाने और इसके महत्व को समझने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे राष्ट्रीय एकता और समृद्धि मजबूत हुई। कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की। संविधान के महत्व को कम किया। कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है। आर्टिकल 370 के बारे में तो सबको पता है, लेकिन 35-ए के बारे में पता बहुत कम है। भारत के संविधान का अगर कोई पहला पुत्र है तो ये संसद है, लेकिन उसका भी इन्होंने गला घोंटने का काम किया।
पीएम मोदी ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल को किया याद
पीएम मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मुझे गुजरात में संविधान की 60वीं वर्षगांठ मनाने का सम्मान मिला। ऐतिहासिक रूप से पहली बार संविधान के 'ग्रंथ' (पवित्र दस्तावेज) को हाथी की पीठ वाली पालकी पर रखा गया और एक प्रतीकात्मक जुलूस निकाला गया। मैं विनम्रतापूर्वक साथ-साथ चला और हमारे राष्ट्र के लिए संविधान के महत्व पर जोर दिया। सौभाग्य से, यह विशेषाधिकार मुझे संजोकर रखने का सौभाग्य था! जब संविधान 50 वर्ष का हुआ, तो अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने 26 नवंबर, 2000 को देशव्यापी समारोह आयोजित किए। प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने राष्ट्रीय एकता और जनभागीदारी पर जोर देते हुए एक विशेष संदेश दिया। उन्होंने संविधान की भावना पर प्रकाश डाला और लोगों को इसके महत्व के प्रति जागरूक किया। उनके संदेश ने नागरिकों को संविधान के सिद्धांतों को अपनाने और इसके महत्व को समझने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे राष्ट्रीय एकता और समृद्धि मजबूत हुई।
कांग्रेस ने संविधान की भावना के खिलाफ काम किया- पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक, कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का घोर विरोध किया है। इतिहास कह रहा है आरक्षण के विरोध में लंबी-लंबी चिट्ठियां स्वयं नेहरू जी ने लिखी है, मुख्यमंत्रियों को लिखी है। इतना ही नहीं, सदन में आरक्षण के खिलाफ लंबे-लंबे भाषण इन लोगों ने किए हैं। बाबा साहेब अंबेडकर समता के लिए और भारत में संतुलित विकास के लिए आरक्षण को लेकर आए... लेकिन उन्होंने (कांग्रेस) इनके खिलाफ झंडा ऊंचा किया हुआ था। दशकों तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट को डिब्बे में डाल दिया था। जब कांग्रेस को देश ने हटाया, जब कांग्रेस गई। तब जाकर ओबीसी को आरक्षण मिला। ये कांग्रेस का पाप है। कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए, सत्ता भूख के लिए... अपनी वोट बैंक को खुश करने के लिए, धर्म के आधार पर आरक्षण का नया खेल खेला है, जो संविधान की भावना के खिलाफ है।
धारा 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारी हर योजना की सेंटर में महिलाएं होती हैं और जब हम ये संविधान के 75 वर्ष मना रहे हैं, तो ये अच्छा संयोग है कि भारत के राष्ट्रपति के पद पर एक आदिवासी महिला विराजमान है। यही नहीं, हमारे सदन में भी महिला सांसदों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब हमारा देश बहुत तेज गति से विकास कर रहा है। भारत बहुत ही जल्द विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में बहुत मजबूत कदम रख रहा है। इतना ही नहीं, ये 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है कि जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे तो हम इस देश को विकसित भारत बना कर रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि हम अपने देश में एकता और मजबूती के लिए प्रयास करते रहेंगे। दुख की बात है कि अनुच्छेद 370 भारत की एकता के मार्ग में एक बाधा और दीवार बन गया था, जो हमारे संविधान का एक मूलभूत सिद्धांत था। इसलिए धारा 370 को हमने ज़मीन में गाड़ दिया। पिछले एक दशक में भारत की जनता ने हमें सेवा करने का मौका दिया है। हमारे समर्पण, काम, नीतियों और निर्णय लेने की प्रक्रिया को सभी ने देखा है। हम उसी जोश और ताकत के साथ सेवा करते रहेंगे!
आर्टिकल 370 देश की एकता में दीवार बना पड़ा था- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि विविधता में एकता ये भारत की विशेषता रही है और इस देश की प्रगति भी विविधता को सेलिब्रेट करने में है। लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोगों ने, भारत का भला न देख पाने वाले लोगों ने वो विविधता में विरोधाभास ढूढंते रहे। इतना ही नहीं, विविधता जो हमारा अमूल्य खजाना है उसको सेलिब्रेट करने के बजाय उस विविधता में ऐसे जहरीले बीज बोने के प्रयास करते रहे, ताकि देश की एकता पर चोट पहुंचे।
पीएम मोदी ने कहा कि अगर हमारी नीतियों को देखेंगे तो पिछले 10 साल। देश की जनता ने जो मुझे सेवा करने का मौका दिया है, उन नीतियों और निर्णयों को देखेंगे तो भारत की एकता को मजबूती देने का निरंतर हम प्रयास करते रहे हैं। आर्टिकल 370 देश की एकता में दीवार बना पड़ा था, लेकिन देश की एकता हमारी प्राथमिकता थी, जो हमारी संविधान की भावना थी। इसीलिए आर्टिकल 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया।
पीएम मोदी ने 1977 का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोकतंत्र पर ये जो पाप है, ये कभी भी धोने वाला नहीं है! दुनिया में जब भी 'लोकतंत्र' की चर्चा होगी, कांग्रेस का यही पाप याद आएगा। जब भारत अपने संविधान की 25वीं वर्षगांठ मना रहा था, तब हमारे देश के संविधान की धज्जियां उड़ा दी गईं। आपातकाल लागू कर दिया गया! संवैधानिक प्रावधानों को निलंबित कर दिया गया! देश को जेल बना दिया गया, नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए और प्रेस की आजादी पर अंकुश लगा दिया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारा संविधान 75 साल का हो गया है, लेकिन हमारे लिए हर 25 साल का अवसर महत्वपूर्ण है, हर 50 साल का अवसर महत्वपूर्ण है और हर 60 साल का अवसर महत्वपूर्ण है। आइए इतिहास पर नज़र डालें और देखें कि संविधान की यात्रा के दौरान कौन-कौन सी उपलब्धियां हासिल हुईं। कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। मैं इसलिए भी इस परिवार की चर्चा करता हूं कि मेरे 75 साल की इस यात्रा में 55 साल, एक ही परिवार ने राज किया है, इसलिए क्या-क्या हुआ है, देश को ये जानने का अधिकार है।
संविधान पर मोदी ने रखा अपना पक्ष
पीएम मोदी ने कहा कि मैं यह कहना चाहता हूं कि भारत के संविधान की यह 75 साल की यात्रा साधारण नहीं, बल्कि असाधारण है! स्वतंत्रता के बाद से हमारे संविधान ने भारत के लिए व्यक्त की गई संभावनाओं को पार कर लिया है। मैं इस महान उपलब्धि के लिए संविधान निर्माताओं और देश के करोड़ों नागरिकों को आदरपूर्वक नमन करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जहां कई देशों ने महिलाओं को उनके अधिकार देने में दशकों लगा दिए, वहीं भारत ने अपने संविधान के माध्यम से महिलाओं को शुरू से ही वोट देने का अधिकार दिया। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान, हमने महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया और महिलाओं की प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए 'महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास' पर ध्यान केंद्रित किया।
पीएम मोदी ने कहा कि इसकी मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दीर्घ दृष्टि, हमारे संविधान निर्माताओं के योगदान और जिसको लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं, ये 75 वर्ष पूर्ण होने पर एक उत्सव मनाने का पल है। 75 वर्ष की ये उपलब्धि असाधारण है। जब देश आजाद हुआ और उस समय भारत के लिए जो-जो संभावनाएं व्यक्त की गई थी उन संभावनाओं को निरस्त करते हुए, परास्त करते हुए भारत का संविधान हमें यहां तक ले आया है। इसलिए इस महान उपलब्धि के लिए, संविधान निर्माताओं के साथ-साथ देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आदरपूर्वक नमन करता हूं।
Created On :   14 Dec 2024 7:11 PM IST