तेजस्वी के महागठबंधन में शामिल होने के ऑफर को कुशवाहा ने ठुकराया, बोले - मैं NDA में खुश
- उपेंद्र कुशवाहा ने कहा
- 'तेजस्वी बोल रहे हैं
- बोलने दीजिए। हम एनडीए में हैं और हमेशा रहेंगे।'
- बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के महागठबंधन में आने के ऑफर को केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने ठुकरा दिया है।
- रविवार को तेजस्वी यादव ने उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल होने के लिए एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट किए।
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के महागठबंधन में आने के ऑफर को केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने ठुकरा दिया है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, "तेजस्वी बोल रहे हैं, बोलने दीजिए। हम एनडीए में हैं और हमेशा रहेंगे।" बता दें कि विपक्षी दल महागठबंधन के जरिए केंद्र में सत्ता पर काबिज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 में होने वाले आम चुनावों में हराने की हरसंभव कोशिश में जुटे हैं। इसी कोशिश के तहत तेजस्वी यादव ने कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर दिया था।
पहला ट्वीट
रविवार को तेजस्वी यादव ने उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता देने के लिए एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट किए। पहले ट्वीट में तेजस्वी ने कहा, केंद्रीय राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा को हम महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता देते है। उन्हें विगत 4 साल से NDA में उपेक्षित किया जा रहा है। बीजेपी उनके साथ सौतेला और पराया व्यवहार कर रही है। इसी दौरान बीजेपी ने नीतीश जी के साथ मिलकर उनकी पार्टी को तोड़ने की साज़िश भी रची।
केंद्रीय राज्यमंत्री श्री उपेन्द्र कुशवाहा को हम महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता देते है। उन्हें विगत 4 साल से NDA में उपेक्षित किया जा रहा है। बीजेपी उनके साथ सौतेला और पराया व्यवहार कर रही है। इसी दौरान बीजेपी ने नीतीश जी के साथ मिलकर उनकी पार्टी को तोड़ने की साज़िश भी रची।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 10, 2018
दूसरा ट्वीट
वहीं दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने कहा, उपेन्द्र कुशवाहा जी एक बड़े सामाजिक समूह का प्रतिनिधित्व करते है लेकिन उस वर्ग से किसी को भी कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया वहीं दूसरी तरफ़ केंद्र सरकार मे एक जाति के एक दर्जन से ज़्यादा कैबिनेट मंत्री है। पिछड़े वर्ग से आने वाले कुशवाहा जी की क़ाबिलियत को BJP ने तवज्जों नहीं दी।
उपेन्द्र कुशवाहा जी एक बड़े सामाजिक समूह का प्रतिनिधित्व करते है लेकिन उस वर्ग से किसी को भी कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया वहीं दूसरी तरफ़ केंद्र सरकार मे एक जाति के एक दर्जन से ज़्यादा कैबिनेट मंत्री है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 10, 2018
पिछड़े वर्ग से आने वाले कुशवाहा जी की क़ाबिलियत को BJP ने तवज्जों नहीं दी।
तीसरा ट्वीट
तीसरे ट्वीट में तेजस्वी ने कहा, उपेन्द्र कुशवाहा जी सामाजिक न्याय की धारा से आते है इसलिए उन्हें गोडसे-गोलवलकर और गांधी-अंबेडकर की दो धाराओं में से एक को चुनना होगा। BJP संविधान को ख़त्म कर रही जिससे आरक्षण स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। कुशवाहा जी को संविधान बचाने की लड़ाई में ससमय उचित निर्णय लेना चाहिए।
उपेन्द्र कुशवाहा जी सामाजिक न्याय की धारा से आते है इसलिए उन्हें गोडसे-गोलवलकर और गांधी-अंबेडकर की दो धाराओं में से एक को चुनना होगा। BJP संविधान को ख़त्म कर रही जिससे आरक्षण स्वतः ही समाप्त हो जाएगा।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 10, 2018
कुशवाहा जी को संविधान बचाने की लड़ाई में ससमय उचित निर्णय लेना चाहिए।
क्या है ऑफर की वजह?
NDA की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने साफ कर दिया है कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नीतीश कुमार बिहार में एनडीए का प्रमुख चेहरा होंगे। वहीं आरएलएसपी की ओर से कहा गया कि बिहार में एनडीए का चेहरा कुशवाहा को होना चाहिए। ऐसे में चेहरों को लेकर एनडीए में टकराव बढ़ गया है। वहीं दूसरी ओर बिहार की 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर भी एनडीए के सहयोगी दलों में टकराव है।
दरअसल जेडीयू 40 में से 25 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है। इसके अलावा एनडीए में शामिल लोजपा ने सात सीटों पर अपना दावा किया है। कुशवाहा की आरएलएसपी भी तीन सीटों की दावेदारी कर रही है। ऐसे में बिहार में बीजेपी के लिए केवल पांच सीटें बचती हैं, जो कि बीजेपी को मान्य नहीं होगा। इस टकराव का फायदा उठाकर तेजस्वी उपेंद्र कुशवाहा को अपने पाले में लाकर एनडीए को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
कद्दावर नेताओं में शुमार कुशवाहा
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा बिहार के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में शामिल वह अहम सदस्य हैं। कुशवाहा बिहार को कराकट लोकसभा सीट से सांसद हैं और मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री हैं उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने फरवरी 2014 में ऐलान किया था कि वह बीजेपी की अगुवाई में एनडीए में शामिल होगी। इसके बाद बिहार की तीन सीटों पर इनकी पार्टी को चुनाव लड़ने का मौका मिला था। तीनों ही सीटों पर इनकी पार्टी ने जीत हासिल की थी।
Created On :   10 Jun 2018 9:53 PM IST