यूपी: CAA के विरोध में आठ साल के बच्चे सहित 15 की मौत, 263 पुलिसकर्मी भी घायल
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में चल रहे उग्र विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। शनिवार को भी यूपी के शहरों, असम, मुंबई सहित देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए। आईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उत्तरप्रदेश के कई जिलों में भड़की हिंसा में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें एक 8 साल का बच्चा भी शामिल है, जबकि 263 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इन हिंसक प्रदर्शनों में 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी अनुसार मेरठ में चार, बिजनौर, कानपुर, संभल में दो-दो, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद व वाराणसी में एक-एक की जान गई है। शनिवार को स्कूल कॉलेज बंद रहे। कई जिलों में इंटरनेट ठप हैं। यूपी में आगजनी-हिंसा करने वाले 10000 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यूपी में अब हिंसा करने वाले उपद्रवियों से ही क्षतिपूर्ति की जाने की तैयारी है।
आईजी लॉ ऐंड ऑर्डर ने बताए प्रदेश के हालात
उत्तर प्रदेश के आईजी (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने कहा कि राज्य में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे 10 दिसंबर से प्रदर्शन में 705 लोग गिरफ्तार किए गए हैं जबकि 4500 लोगों को ऐहतियातन गिरफ्तारी के बाद रिहा कर दिया गया। वहीं, इन घटनाओं में 15 लोगों की मौत हुई है, 263 पुलिसकर्मी हिंसक प्रदर्शनों में घायल हुए हैं, जिनमें से 57 लोग आग से झुलसे हैं।
Praveen Kumar, IG(LawOrder): In protest against #CitizenshipAmendmentAct since Dec 10 in state, 705 people arrestedaround 4500 people released after preventive arrest.15 casualties have happened,263 police personnel were injured of which 57 personnel received fire arm injuries pic.twitter.com/L4d7GKDdHG
— ANI UP (@ANINewsUP) December 21, 2019
रामपुर में प्रदर्शन के दौरान एक की मौत
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में शनिवार को एक बार फिर रामपुर और कानपुर में हिंसक प्रदर्शन हुआ। रामपुर में प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को फूंक दिया। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसी दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है। हालांकि रामपुर जिला प्रशासन ने मौत की पुष्टि नहीं की है। प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी और फायरिंग की। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने कई बाइकों में आग लगा दी। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान एक युवक की मौत हो गई। दूसरी ओर, उलेमा ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की।
रामपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से शनिवार को प्रदर्शनकारी निकले और हाथी खाना चौराहे पर जमा हो गए। हजारों की संख्या में एकत्रित लोगों की भीड़ हिंसक हो उठी। पुलिस की बाइक समेत चार वाहनों को जला दिया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने गोली चलाई, वहीं पुलिस अफसरों ने इससे इंकार किया है।हालांकि पुलिस ने दावा किया है कि उनकी तरफ से किसी तरह की फायरिंग नहीं की गई है। इसलिए मौत के लिए उपद्रवी खुद जिम्मेदार हैं, न कि पुलिस।
कानपुर सपा विधायक गिरफ्तार
इससे पहले कानपुर में पुलिस ने समाजवादी पार्टी (एसपी) के विधायक अमिताभ बाजपेई को हिरासत में ले लिया और एसपी नेता इरफान सोलंकी को प्रदर्शन स्थल से तुरंत जाने की चेतावनी दी। यहां प्रदर्शनकारियों की तरफ से पुलिस पर पत्थरबाजी के साथ-साथ फायरिंग भी की गई। कानपुर के यतीमखाना चौराहे पर जुटी हजारों की भीड़ अचानक उग्र हो गई। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया तो जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इसमें 12 से अधिक लोगों के घायल होने की जानकारी है। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने छतों से पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए।
राज्यपाल से मिले सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभवन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की है। आधे घंटे तक चली इस मुलाकात में नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ चल रहे हिंसक आंदोलन के बारे में बात हुई। योगी ने राज्यपाल को इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। राज्यपाल की ओर से गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजी जाएगी। हालांकि, इन दोनों की मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
अस्पताल भेजा गया घायल पुलिसकर्मी
इन घटनाओं को देखते हुए कानपुर पुलिस ने रैपिड ऐक्शन फोर्स (आरएएफ), वज्र वाहन और पीएसी को दंगा प्रभावित क्षेत्रों में मोर्चा संभालने के लिए उतार दिया है। कानपुर में हो रहे उग्र प्रदर्शन में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
Created On :   21 Dec 2019 1:52 PM GMT