कानपुर में हुई हिंसा का मास्टर माइंड हयात जफर के खातों में महज 3 साल में करीब 48 करोड़ का हुआ लेन देन, विदेशी फंडिग का दावा,ईडी कर सकती है पूछताछ
- कानपुर हिंसा का मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी जौहर फैंस एसोसिएशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है।
डिजिटल डेस्क,लखनऊ। कानपुर में हुई हिंसा मामले में जांच के दौरान पुलिस को कई ऐसे राज मिल रहे है जो हैरान कर देने वाले है। कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी की जांच होने पर सामने आया कि उसे विदेशों से फंडिंग की जाती थी। जानकारी के अनुसार हयात जफर के बैंक खातों से करीब 48 करोड़ का लेनदेने हुआ है। इस जानकारी के मिलने के बाद कोर्ट से पुलिश ने उसे रिमांड में लेकर पूछताछ करने की मांग की है। जानकारी यह भी मिल रही है कि प्रवर्तन निदेशालय विदेशी फंडिंग को लेकर जल्द ही इस मामले की जांच कर सकता है।
कानपुर हिंसा का मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी जौहर फैंस एसोसिएशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है। हयात के खाते में 2019 से विदेशी फंडिग होने की बात सामने आ रही है। नव भारत टाइम्स की मानें तो हयात जफर का बाबूपुरवा इलाके की एक प्राइवेट बैंक में खाता खोला गया था। जिसका अकाउंट नंबर 50014717838 है। हयात के इस बैंक अकाउंट में 30 जुलाई 2019 को 3 करोड़ 54 लाख रुपये जमा किए गए थे।
यही नही इसी तरह से हयात जफर हाशमी ने दो बैंक अकाऊंट और भी खुलवाए है। उसके इन खातों में भी लेन देन किया गया है। खबर की मुताबिक करीब 47 करोड़ 68 लाख रूपए का लेन देन अब तक हुआ है। अब इन खातों में केवल 11 लाख रूपए ही बचे हुए है।
बता दें फिलहाल पुलिस यह जांच करने में जुटी है कि विदेशी फंड़िग से हयात के खातों में आई राशि का इस्तमाल कहां से हुआ है। और साथ ही यह भी पता करने की कोशिश की जा रही है कि विदेशी फंडिंग करता कौन था। इन सब सवालों के जबाव तलाशने के लिए ईडी की टीम हयात से पूछताछ कर सकती है।
हयात के कांग्रेस से रहे है रिश्ते
कानपुर में हुई हिंसा का मास्टर माइंड हयात हाशमी के कांग्रेस पार्टी से संबध होने की जानकारी सामने आई है।बताया जा रहा है कि हयात के पिता कांग्रेस पार्टी की नेता रहे है। कांग्रेस से ही हयात की राजनीति पारी की शुरूआत हुई है। खबरों के मुताबिक पार्टी से दूरी बनाने के बाद हयात जफर हाशमी ने मौलाना मौहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन नाम के एनजीओ के लिए काम करना शुरू कर दिया था। हयात के ऊपर करीब 9 मुकदमे दर्ज है। जिसमें बलवा, धार्मिक भावनाएं भड़काने और महामारी आदि के केस शामिल है।
Created On :   8 Jun 2022 9:10 PM IST