केंद्र ने राज्यों को लिखी चिट्ठी, कहा जेल में कट्टरवाद विचारधारा फैलाने वाले लोगों को अलग रखा जाए

The central government has forced people with fundamentalist ideology to lie
केंद्र ने राज्यों को लिखी चिट्ठी, कहा जेल में कट्टरवाद विचारधारा फैलाने वाले लोगों को अलग रखा जाए
अलर्ट मोड केंद्र ने राज्यों को लिखी चिट्ठी, कहा जेल में कट्टरवाद विचारधारा फैलाने वाले लोगों को अलग रखा जाए
हाईलाइट
  • केंद्र ने सभी राज्यों को लिखी चिट्ठी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कट्टरवाद विचारधारा फैलाने वाले लोगों को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है। इसके लिए केंद्र ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि जेल में कट्टरवाद विचारधारा फैलाने वाले लोगों को अलग कमरे में रखा जाए, ताकि कोई अन्य कैदी उनसे प्रभावित न हो सके। केंद्र लगातार कट्टरवादी विचारधारा वाले लोगों को लेकर सख्त रवैया अपनाए हुए है। चाहे वह पीएफआई को पांच साल बैन करने की बात हो या फिर अब कट्टवारी विचारधारा वाले लोगों को जेल में अलग रखने की बात हो।  

गौरतलब है कि केंद्र मंत्रालय ने इसके लिए बकायदा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिठी लिखी है। जिसमें केंद्र की ओर से कहा गया  है कि कट्टरवादी विचारधारा वाले कैदियों को चिन्हित करके उसे जेल के अलग बैरक में रखा जाए। इसके अलावा केंद्र मंत्रालय ने राज्य कारागर अधिकारियों से कट्टरवाद हो चुके कैदियों के लिए विशेष सत्र का आयोजन करने की भी बात कही है। जिससे गुमराह हो चुके अपराधियों की मानसिकता में बदलाव लाने में मदद मिल सकती है। साथ ही केंद्र ने जेल में ड्रग्स स्मगलिंग करने वाले कैद कैदियों को भी अलग बैरक में रखने की अपील की है। 

इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को अपने अधिकार क्षेत्र में 'मॉडल जेल मैनुअल 2016' को अपनाने की बात कही है, क्योंकि कई राज्यों ने अभी तक इसे लागू नहीं किया है। केंद्र ने चिट्ठी में कहा कि जिन राज्यों ने अभी तक इस मॉड़ल को लागू नहीं किया है वह जल्द से जल्द से इसे लागू करें। साथ ही मैनुअल में दिए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक जेल में सुधार लाने की बात कही है। 

चिट्ठी में केंद्र सरकार ने लिखी ये बातें 

चिट्ठी में केंद्र सरकार ने राज्य जेल अधिकारियों को आदेश दिया है कि सभी जिला स्तरीय जेलों और न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा का उपयोग करें। जहां पर वीडियो कॉन्फेंसिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है। वहां पर राज्य के अधिकारी उपयुक्त व्यवस्था करें। 

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से जेल कर्मचारियों की सभी श्रेणियों में खाली पड़े पद को भी जल्द से जल्द भरने की अपील की है। इससे जेल में बंद पड़े कैदी अपराध के रास्ते से दूर होंगे। साथ ही जेल में सुरक्षा व्यवस्था भी बहाल होगी। 
 

Created On :   12 Jan 2023 9:53 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story