सुप्रीम कोर्ट ने जुबेर की यूपी एफआईआर मामले में जमानत बढ़ाई
![Supreme Court extends bail in Zubairs UP FIR case Supreme Court extends bail in Zubairs UP FIR case](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2022/07/858374_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को उत्तर प्रदेश के सीतापुर में उनके खिलाफ दर्ज मामले में दी गई अंतरिम जमानत को बढ़ा दिया। जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और ए.एस. बोपन्ना ने मामले को अंतिम निपटान के लिए 7 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया है।
खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है और उसके बाद दो हफ्ते के भीतर रिज्वाइंडर के लिए समय दिया है। पीठ ने कहा, सीतापुर प्राथमिकी मामले में अंतरिम जमानत अगले आदेश तक जारी रहेगी। 7 सितंबर, 2022 को मामले का अंतिम निपटान होगा।
शीर्ष अदालत का यह आदेश जुबैर की उस याचिका पर आया जिसमें सीतापुर में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी। 8 जुलाई को, सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को एक ट्वीट के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में पांच दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी। ट्वीेट में जुबेर ने हिंदू संतों को नफरत फैलाने वाला कहा था।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी ने कहा था: याचिकाकर्ता को प्राथमिकी के संबंध में अंतरिम जमानत दी जाएगी.. 1 जून, 2022 को पी.एस. खैराबाद, जिला सीतापुर, उत्तर प्रदेश में आज से पांच दिनों की अवधि के लिए इस शर्त के साथ कि याचिकाकर्ता कोई ट्वीट पोस्ट नहीं करेगा और किसी भी सबूत के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा, इलेक्ट्रॉनिक या अन्यथा बेंगलुरु या कहीं और।
पीठ ने कहा, यह स्पष्ट किया जाता है कि यह आदेश केवल पीएस खैराबाद, जिला सीतापुर, उत्तर प्रदेश में दर्ज प्राथमिकी से संबंधित है। जुबैर के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि उनके मुवक्किल धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दे रहे थे और धर्मों के बीच किसी भी दुश्मनी को बढ़ावा नहीं दे रहे थे।
जुबेर ने अपने वकील गोंजाल्विस के माध्यम से कहा, मैं नफरत भरे भाषणों को पकड़ता हूं.. मैं संविधान का बचाव कर रहा हूं और मैं जेल में हूं.. और किस लिए? उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता आदतन अपराधी है और यह एक ट्वीट या किसी अन्य का मामला नहीं है। क्या वह एक सिंडिकेट का हिस्सा है जो समाज को अस्थिर करने के लिए ट्वीट करता है?
सॉर्स-आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   12 July 2022 1:00 PM IST