सामना: डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से पहले शिवसेना का निशाना, कहा- भारत को भेंट किए कड़वे करेले

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सामना: डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से पहले शिवसेना का निशाना, कहा- भारत को भेंट किए कड़वे करेले
सामना: डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से पहले शिवसेना का निशाना, कहा- भारत को भेंट किए कड़वे करेले
हाईलाइट
  • ट्रंप ने दिया भारत को झटका-शिवसेना
  • भारत के अमेरिकी व्यापार को लगा झटका- शिवसेना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(Donald Trump) भारत दौरे पर आ रहे है। ट्रंप 24-25 फरवरी को भारत में रहेंगे। इस दौरान वे नई दिल्ली और अहमदाबाद में रहेंगे। उनके साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप(Melania Trump) भी आ रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे को लेकर शिवसेना(Shivsena) ने निशाना साधा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना(Saamana) में मोदी सरकार को नसीहत दे डाली है।

शिवसेना ने लिखा है कि डोनाल्ड ट्रंप अपने मनमौजी व्यवहार के कारण अक्सर चर्चा में रहते है। दस दिन बाद भारत दौरे पर आने के पहले ट्रंप ने फिर से एक बार अपनी उसी अदा का परिचय दिया है। इस बार उनका ये व्यवहार उनके बोलने से नहीं, बल्कि उनके कृत्य से सामने आया है। हिंदुस्तान में ट्रंप का जोरदार स्वागत करने के लिए कालीन बिछाई जा रही है। इसी दौरान अमेरिका ने विकासशील देशों की सूची से भारत का नाम हटा दिया है। सामना में लिखा है, "विश्व व्यापार संगठन के कंधे पर बंदूक रखकर अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि समिति ने विकासशील देशों की सूची से भारत का नाम अलग कर दिया है। इसे हिंदुस्तान के लिए बड़ा आर्थिक झटका कहा जा सकता है।"

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सामना में लिखा है कि अमेरिका से टैक्स में सब्सिडी मिलने के दरवाजे बंद होने के कारण कई वस्तुओं के निर्यात हेतु भारत को बड़ी रकम खर्च करनी पड़ेगी। अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत के सारे वैश्विक व्यापारियों को भी इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा। डब्ल्यूटीओ व्यापार वृद्धि के लिए सब्सिडी या सहूलियत देता है। ये सहूलियतें ट्रंप के आंखों की किरकिरी बनी हुई थीं। इसलिए भारत,चीन और दक्षिण कोरिया सहित कई देशों को विकासशील देशों की सूची से अमेरिका ने बाहर कर दिया है। 

सामना ने लिखा है, "किसी भी राष्ट्र का प्रमुख जब दूसरे देश की यात्रा पर जाता है तब कुछ सकारात्मक करने का रिवाज है। पुराने जमाने में राजा महाराजाओं की ओर से मिठाई की टोकरियां भेजने का प्रचलन था। वहीं शिष्टाचार आज भी कुछ अलग तरीके से निभाया जाता है। हालांकि अमेरिका ने इस परंपरा को तोड़ दिया है। ट्रंप ने मिठाई की जगह वैश्विक व्यापार क्षेत्र में भारत को झटका देने वाले कड़वे करेले का पिटारा भेंट कर दिया।"

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सामना ने आगे लिखा है कि अमेरिका में वर्ष के अंतिम महीनों में अध्यक्ष पद का चुनाव होना है। चुनाव जीतने के लिए अमेरिकीयों के मन को जीतने के लिए एक सूत्रीय कार्यक्रम ट्रंप ने चलाया हुआ है। दाओस में आयोजित विश्व आर्थिक परिषद में ट्रंप ने कहा कि अगर भारत और चीन विकासशील देश होंगे तो अमेरिका भी विकासशील देश ही है। ऐसे कहकर उन्होंने दुनिया को चौंका दिया। हालांकि मोदी और ट्रंप की दोस्ती को देखते हुए ट्रंप ने विकासशील देशों का दर्जा निकाल लेनेवाला जो कड़वा करेला भिजवाया है। हमारे पीएम उसका मिठाई में रूपांतरण करने में सफल होंगे। 


 

Created On :   15 Feb 2020 5:13 AM GMT

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