कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर SC का आदेश सुरक्षित, बुधवार को फैसला

SC reserves order on Karnataka rebel MLAs plea, verdict on Wednesday
कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर SC का आदेश सुरक्षित, बुधवार को फैसला
कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर SC का आदेश सुरक्षित, बुधवार को फैसला
हाईलाइट
  • कर्नाटक के बागी विधायकों की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश सुरक्षित
  • अध्यक्ष ने बागी विधायकों की अयोग्यता और इस्तीफे पर फैसला करने के लिए समय मांगा है
  • बुधवार सुबह 10.30 बजे इस पर फैसला सुनाया जाएगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के बागी विधायकों की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। बुधवार सुबह 10.30 बजे इस पर फैसला सुनाया जाएगा। इस बीच, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने बागी विधायकों की अयोग्यता और इस्तीफे पर फैसला करने के लिए कल तक का समय मांगा है।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच 10 विधायकों की ओर से कर्नाटक के स्पीकर के खिलाफ उनके इस्तीफे न स्वीकार करने को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई की। इसके अलावा पांच अन्य विधायकों ने भी याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने कर्नाटक सरकार पर उन्हें अयोग्यता का डर दिखाते हुए समर्थन करने के लिए मजबूर किए जाने का आरोप लगाया है।

विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि विधायकों के पास इस्तीफा देने का मौलिक अधिकार है। संवैधानिक व्यवस्था में इस्तीफा तुरंत स्वीकार किया जाना चाहिए। इसे रोका नहीं जा सकता। स्पीकर इन्हें लंबित कैसे रख सकते हैं? उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत होना है और बागी विधायकों को इस्तीफा देने के बावजूद विप का पालन करने पर मजबूर होना पड़ सकता है।

मुकुल रोहतगी ने कहा, सभी दस याचिकाकर्ता (बागी विधायक) 10 जुलाई को इस्तीफा दे चुके हैं। स्पीकर अगर चाहें तो फैसला ले सकते हैं, क्योंकि इस्तीफे को स्वीकार करना और अयोग्य ठहराना दो अलग-अलग फैसले हैं, लेकिन विधायकों के इस्तीफे को टालने की कोशिश की जा रही है। स्पीकर एक ही समय में इस्तीफे और अयोग्यता दोनों मुद्दों पर फैसला करने का प्रयास कर रहे हैं।

स्पीकर की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "जब अयोग्य होने पर सुनवाई जारी है तो विधायक इस्तीफा कैसे दे सकते हैं। अयोग्य वाला मामला इस्तीफा देने से पहले का है।" इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा, अगर कोई व्यक्ति आमने-सामने इस्तीफा नहीं देता है तो क्या होता है? उन्होंने पूछा, क्या स्पीकर ने कोर्ट आने से पहले कुछ नहीं किया। उन्हें नोटिस जारी करना चाहिए था। जब विधायकों ने इस्तीफा दिया तो स्पीकर ने क्यों कुछ नहीं किया, क्यों वो लगातार कहते रहे कि वह तुरंत फैसला नहीं कर सकते हैं।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस दौरान कहा कि अगर आप इस्तीफे पर फैसला कर सकते हैं, तो करिए। एक लंबी तीखी बहस के बाद स्पीकर की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि आप बंदिशे हटाइए, हम कल तक इस्तीफे और अयोग्यता पर फैसला कर लेंगे। सिंघवी की तरफ से अदालत को कहा गया है कि स्पीकर को कुछ समय मिलना चाहिए क्योंकि उन्हें सही तर्कों के साथ इस्तीफों और अयोग्यता पर निर्णय करना है।

बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इस्तीफे पर फैसला ना लेने पर 15 बागी विधायक स्पीकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।

Created On :   16 July 2019 7:11 PM IST

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