SC: 2002 में हुए गुजरात दंगों के 17 दोषियों को जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने समाजसेवा करने को कहा

SC: 17 convicts of Gujarat riots in 2002 get bail, Supreme Court asks for social service
SC: 2002 में हुए गुजरात दंगों के 17 दोषियों को जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने समाजसेवा करने को कहा
SC: 2002 में हुए गुजरात दंगों के 17 दोषियों को जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने समाजसेवा करने को कहा
हाईलाइट
  • कोर्ट ने दोषियों को दाे ग्रुप में इंदौर और जबलपुर भेजने के आदेश दिए
  • जमानत अवधि में सामाजिक कार्य और आध्यात्मिकता का अभ्यास करने को भी कहा
  • दाेषियों ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी अर्जी
  • 25
  • 000 रुपए के जमानती बांड पर हुए रिहा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा कांड के बाद 2002 में सरदारपुरा में भड़के दंगों के मामले में 17 दोषियों को मंगलवार को सशर्त जमानत दे दी है। न्यायालय ने उन्हें मध्यप्रदेश में समाज सेवा करने का आदेश दिया है। सभी दोषियों ने शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी। इन्हें गुजरात हाई कोर्ट ने दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस घटना में एक विशेष समुदाय के 33 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।

जबलपुर और इंदौर भेजे जाएंगे दोषी
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने दोषियों को दो समूह में बांटा और कहा कि इनमें से छह लोग मध्यप्रदेश के इंदौर में रहेंगे, जबकि अन्य दोषियों के दूसरे समूह को मध्यप्रदेश के जबलपुर जाना होगा। इन लोगों को गुजरात में घुसने की इजाजत नहीं है। शीर्ष अदालत ने उन्हें सामाजिक कार्य करने और जमानत अवधि के दौरान आध्यात्मिकता का अभ्यास करने के लिए कहा, ताकि उनमें नैतिक मार्गदर्शन को सुदृढ़ करने में मदद मिल सके। शीर्ष अदालत ने इंदौर और जबलपुर में जिला विधि अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि जमानत देने के शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुसार, अपराधी आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यों में संलग्न हैं भी या नहीं।

25,000 रुपए के जमानती बांड पर किया रिहा 
अदालत ने अधिकारियों को उन्हें आजीविका के लिए काम खोजने में मदद करने के लिए कहा है। इसके बाद राज्य विधि अधिकारी एक अनुपालन रिपोर्ट दायर करेंगे। दोषियों का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया और अधिवक्ता आस्था शर्मा कर रही हैं, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता राज्य की ओर से पेश हुए। अदालत ने प्रत्येक दोषी को 25,000 रुपए के जमानती बांड पर कुछ शर्तों के साथ रिहा करने का निर्देश दिया है। दोषियों की अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने 14 लोगों को बरी कर दिया था और 17 लोगों को दोषी ठहराया था। उन्हें 2002 के गुजरात दंगों के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

 

 

 

Created On :   28 Jan 2020 1:19 PM GMT

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