चुनौती देने वाली याचिकाओं का मकसद कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ जांच पर सवाल उठाना : केंद्र

Purpose of challenge petitions to question probe against Congress president: Center
चुनौती देने वाली याचिकाओं का मकसद कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ जांच पर सवाल उठाना : केंद्र
नई दिल्ली चुनौती देने वाली याचिकाओं का मकसद कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ जांच पर सवाल उठाना : केंद्र
हाईलाइट
  • याचिकाकर्ताओं में से एक मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की महासचिव हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मौजूदा निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल के विस्तार की वैधता को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं का मकसद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) की अध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ ईडी की जांच पर सवाल उठाना है। राजस्व विभाग के अवर सचिव संदीप गहलोत द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच का खुलासा करने में विफल रहे हैं।

उन्होंने कहा, याचिका का असली मकसद कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष और कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ की जा रही जांच पर सवाल उठाना है.. वैकल्पिक उपायों का लाभ उठाने के बजाय उन्हें आपराधिक संहिता के तहत उपयुक्त याचिका दायर करनी चाहिए।

हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं में से एक मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की महासचिव हैं, जिन्होंने अपने राजनीतिक आकाओं का पक्ष लेते हुए अनुच्छेद 32 के तहत अदालत का रुख किया, क्योंकि संबंधित व्यक्तियों को सक्षम अदालत से संपर्क करने पर कोई रोक नहीं है।

हलफनामे में जोड़ा गया है, मौजूदा याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 का दुरुपयोग है, जो स्पष्ट रूप से कांग्रेस के अध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारियों के लिए और उनकी ओर से एक प्रतिनिधि क्षमता में दायर की जा रही है, जिनकी ईडी द्वारा जांच की जा रही है और पूरी तरह से हैं उचित वैधानिक राहत के लिए संबंधित अदालतों से संपर्क करने के लिए सक्षम है। इसलिए, वर्तमान याचिका स्पष्ट रूप से किसी सार्वजनिक हित के बजाय व्यक्तिगत हित से प्रेरित है।

हलफनामे में कहा गया है कि कुछ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा याचिकाएं दायर की गई हैं और शीर्ष अदालत ने माना था कि जनहित याचिका का इस्तेमाल राजनीतिक या व्यक्तिगत हित के लिए नहीं किया जाना चाहिए और अपने राजनीतिक या निजी हितों के लिए निहित स्वार्थो के लिए निजी लाभ का एक उपकरण नहीं बनना चाहिए। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तय की है।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता के.वी. विश्वनाथन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल के विस्तार की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के संबंध में एमिकस क्यूरी (न्यायमित्र) नियुक्त किया गया है।

यह हलफनामा तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं- डॉ. जया ठाकुर, रणदीप सिंह सुरजेवाला, साकेत गोखले, महुआ मोइत्रा द्वारा दायर आठ याचिकाओं और अधिवक्ता एम.एल. शर्मा, कृष्ण चंद्र सिंह और विनीत नारायण ने ईडी निदेशक के कार्यकाल के विस्तार को चुनौती दी।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि मिश्रा को दिया गया विस्तार ईडी निदेशक के कार्यकाल के लिए 5 साल तक के विस्तार की अनुमति देने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम में संशोधन के लिए एक अध्यादेश जारी करना शीर्ष अदालत के निर्देशों का घोर उल्लंघन है।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   6 Sept 2022 5:30 PM IST

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