कर्नाटक दौरा : विपक्ष पर बरसे पीएम मोदी, बोले- ये लोग दलितों-पीड़ितों-शोषितों के ही खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं
- पीएम ने कहा- काजू के बागानों के विस्तार की काफी संभावना
- पीएम मोदी ने सिद्ध गंगा मठ के संत शिवकुमार को श्रद्धांजलि दी
- मछली पालकों की सुरक्षा पर काम कर रही है सरकार
डिजिटल डेस्क, तुमकुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को CAA के खिलाफ कांग्रेस और विपक्ष के आंदोलन को लेकर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उनके साथी दल, जिस तरह की नफरत हम लोगों से करते हैं, वैसा ही स्वर अब देश की संसद के खिलाफ दिख रहा है। इन लोगों ने भारत की संसद के खिलाफ ही आंदोलन शुरू कर दिया है। ये लोग पाकिस्तान से आए दलितों-पीड़ितों-शोषितों के ही खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग पाकिस्तान से आए दलितों, पिछड़ों और प्रताड़ितों के खिलाफ ही आंदोलन कर रहे हैं। पाकिस्तान का जन्म धर्म के आधार पर हुआ था और तब से ही दूसरे धर्मों के लोगों के साथ अत्याचार शुरू हो गया था। समय के साथ पाकिस्तान में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाइयों पर लगातार अत्याचार बढ़ता रहा है।
आवाज उठाना है तो पाक के 70 सालों के कारनामों के खिलाफ उठाओ
पीएम मोदी ने कहा कि मैं, भारत की संसद के खिलाफ आंदोलन करने वालों से कहना चाहता हूं कि अगर आपको आंदोलन करना ही है तो पाकिस्तान के पिछले 70 साल के कारनामों के खिलाफ आवाज उठाइए। अगर आपको जुलूस निकालना है तो पाकिस्तान से आए दलित-पीड़ित-शोषितों के समर्थन में जुलूस निकालिए। भारत ने नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश किया है। आपको याद होगा कि बीते दशक की शुरुआत किस तरह के माहौल से हुई थी, लेकिन 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उम्मीदों की, आकांक्षाओं की मजबूत नींव के साथ शुरू हुआ है।
सिद्ध गंगा मठ के संत शिवकुमार को दी श्रद्धांजलि
इससे पहले मोदी ने श्रीसिद्धगंगा मठ में आयोजित कार्यक्रम में संत शिवकुमार स्वामी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि संतों के दिखाए मार्ग के कारण ही हमने 21वीं सदी के तीसरे दशक में हमने उम्मीद और उत्साह के साथ कदम रखे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को मालूम है कि बीते दशक की शुरुआत किस तरह के माहौल में हुई थी और अब क्या स्थिति है।
मछली पालकों की सुरक्षा पर काम कर रही है सरकार
मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा जा चुका है। नए फिशिंग हार्बर बनाए जा रहे हैं। नावों के आधुनिकीकरण के लिए राज्यों को 2500 करोड़ से अधिक रुपए दिए गए हैं। इसरो की मदद से मछुआरों की सुरक्षा के लिए नेविगेशन डिवाइस नावों में लगाए जा रहे हैं।
काजू के बागानों के विस्तार की काफी संभावना
कर्नाटक हो, केरल हो, आंध्र हो, तेलंगाना हो, तमिलनाडु हो यहां Horticulture और मसलों से जुड़े प्रोडक्ट्स की प्रोसेसिंग की व्यापक संभावनाएं हैं। हमारी सरकार के प्रयासों के कारण भारत द्वारा मसालों के उत्पादन और निर्यात, दोनों में काफी बढ़ोतरी हुई है। भारत में मसाला उत्पादन 25 लाख टन से अधिक बढ़ा है तो एक्सपोर्ट भी करीब 15 हजार करोड़ से बढ़कर लगभग 19 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। काजू के बागानों के विस्तार की काफी संभावना है। रबर उत्पादन में भी हमारी कोशिश है कि हमें आयात पर निर्भर न रहना पड़े। तेल और मोटे अनाज के उत्पादन में भी दक्षिण भारत का हिस्सा अधिक है। दाल के उत्पादन में बढ़ावे के लिए बीच हब बनाए गए हैं। इसी तरह मोटे अनाज के लिए भी नए हब बनाए गए हैं।
Created On :   2 Jan 2020 6:29 PM IST