मामले में जांच जारी, बुल्ली बाई मामला आईएफएसओ को ट्रांसफर

Probe continues in Sulli deal case, Bulli Bai case transferred to IFSC
मामले में जांच जारी, बुल्ली बाई मामला आईएफएसओ को ट्रांसफर
सुल्ली डील मामले में जांच जारी, बुल्ली बाई मामला आईएफएसओ को ट्रांसफर
हाईलाइट
  • दिल्ली पुलिस को एक दिन पहले सरकार से म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी के लिए मंजूरी मिली थी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छह महीने पुराने सुल्ली डील मामले की जांच अभी भी जारी है, जबकि हाल ही में सामने आए बुल्ली बाई मामले को अब स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट को ट्रांसफर कर दिया गया है।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अपमानजनक सुल्ली डील्स मोबाइल ऐप पिछले साल जुलाई में सामने आया था, जहां मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ऐप पर उनकी नीलामी के लिए उनकी सहमति के बिना प्रदर्शित की गई थीं।

इसके छह महीने बाद, सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक समुदाय की महिला सदस्यों को परेशान करने की एक ऐसी ही घटना एक बार फिर सामने आई, जब दिल्ली की एक महिला पत्रकार ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें एक मोबाइल एप्लिकेशन पर कुछ अज्ञात समूह द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। इस ऐप का नाम बुल्ली बाई है, जिसे यूएस-आधारित गिटहब प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त चिन्मय बिस्वाल ने आईएएनएस से मामले की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर कहा, सुल्ली डील्स की जांच अभी जारी है।

दिल्ली पुलिस को एक दिन पहले सरकार से म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी के लिए मंजूरी मिली थी, जिसमें यूएस-आधारित फर्म गिटहब से उस यूजर के बारे में जानकारी मांगी गई है, जिसने अपने प्लेटफॉर्म पर सुल्ली डील ऐप अपलोड किया था। 1 जनवरी को पॉप अप हुए बुल्ली बाई ऐप में अपमानजनक सामग्री के साथ पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्रों और प्रसिद्ध हस्तियों सहित महिलाओं की कई तस्वीरें थीं।

पीड़ित पत्रकार ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसे 1 जनवरी की सुबह पता चला कि एक वेबसाइट पोर्टल जिसे बुल्लीबाई डॉट गिटहब डॉट आईओ (हटाए या डिलीट किए जाने से पहले) कहा जाता है, उसमें अनुचित, अस्वीकार्य और स्पष्ट रूप से भद्दे संदर्भ में उसकी एक छेड़छाड़ की गई तस्वीर है।

शिकायत में कहा गया है कि बुल्ली बाई शब्द अपने आप में अपमानजनक लगता है और इस वेबसाइट/पोर्टल की सामग्री स्पष्ट रूप से मुस्लिम महिलाओं का अपमान करने के उद्देश्य से है, क्योंकि अपमानजनक शब्द बुल्ली का इस्तेमाल विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं के लिए किया जाता है।

इसे बुल्ली बाई नाम के एक ट्विटर हैंडल द्वारा भी प्रचारित किया जा रहा था, जिसमें खालिस्तान समर्थक की तस्वीर थी और इसमें कहा गया था कि महिलाओं को ऐप से बुक किया जा सकता है। यह हैंडल साथ ही साथ खालिस्तान कंटेंट को भी प्रमोट कर रहा था।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को सोशल मीडिया दिग्गज ट्विटर को भी पत्र लिखकर उस अकाउंट के बारे में जानकारी मांगी थी, जिसने पहले बुल्ली बाई ऐप के बारे में ट्वीट किया था और आगे आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए कहा था।

इस बीच, रविवार को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने वाली मुंबई पुलिस ने अब तक एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसे पूरी साजिश का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। तीनों आरोपियों की पहचान विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह (मुख्य साजिशकर्ता) और मयंक रावल के रूप में हुई है।

(आईएएनएस)

Created On :   5 Jan 2022 8:00 PM IST

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