सीएम और चीफ जस्टिस की संयुक्त कॉन्फ्रेंस में बोले पीएम मोदी, आमजन की भाषाओं को दें बढ़ावा
- अदालतों में बुनियादी सुविधाओं के विकास
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि अदालतों में लोकल भाषाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। इससे आमजनों को न्याय सिस्टम पर भरोसा बढ़ोगा। उन्होंने देश की न्यायलयों में पैंडिंग बड़े साढ़े तीन लाख कैदी अंडर ट्रायल को जल्द निपटाने पर जोर दिया।
वहीं सीजेआई ने कहा कि न्याय का मंदिर होने के नाते कोर्ट को नागरिकों का स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट की अपेक्षित गरिमा और आभा होनी चाहिए। अब पीआईएल पब्लिक की वजह पर्सनल होती जा रही है।
आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह साल बाद हो रहे एक कार्यक्रम को सीजेआई एनवी रमण की मौजूदगी में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सीजेआई एनवी रमण और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू कार्यक्रम सत्र को संबोधित करेंगे। सम्मेलन के बाद विभिन्न कार्य सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश एजेंडे में शामिल विषयों पर चर्चा करेंगे और आम सहमति तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक सम्मेलन में सीजेआई जस्टिस रमण के द्वारा तैयार किए गए एजेंडे अदालतों में बेसिक सुविधाओं के डेवलप पर चर्चा की जाएगी। इनमें अदालतों में खाली पड़े पद, लंबित मामलों, कानूनी सहायता सेवाएं , भविष्य के प्रारूप के साथ ई-अदालतों जैसे विषयों को शामिल किया गया है।
आपको बता दें यह संयुक्त सम्मेलन न्यायपालिका के समक्ष चुनौतियों पर चर्चा करने का एक वैचारिक मंच है। जिसमें देश में न्यायापालिका के साथ न्याय से जुड़ी समस्याओं और उनके त्वरित समाधान पर चर्चा की जाती है।
Created On :   30 April 2022 8:12 AM IST