भारत-ऑस्ट्रेलिया बैठक में पीएम मोदी और पीएम मॉरीसन ने की बातचीत, रिश्ते की रणनीतिक साझेदारी पर दोनों प्रधानमंत्री ने व्यक्त की खुशी
- कई क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर चर्चा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।
लेकिन इसने हमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे अपने क्षेत्र के लिए उस भयानक घटना के निहितार्थ और परिणामों पर चर्चा करने का अवसर भी दिया और हमारे सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा करने का भी: भारत-ऑस्ट्रेलिया आभासी शिखर सम्मेलन संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/kMyXcfBRCJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 21, 2022
अपने पिछले वर्चुअल समिट में हमने अपने रिश्ते को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया था। मुझे खुशी है कि आज हम दोनों देशों के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन स्थापित हुआ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/Pwdaqg5OzY
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने आज वर्चुअल समिट किया। ये समिट भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच के घनिष्ठ संबंधों और द्विपक्षीय साझेदारी को बढ़ाने के दोनों प्रधानमंत्रियों के साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला pic.twitter.com/fqSkiG51vd
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इस समिट में क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों को कवर किया गया। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने 2023 में जी-20 की भारत की अध्यक्षता का स्वागत किया और भारत के साथ वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर करीब से काम करने की ऑस्ट्रेलिया की प्रतिबद्धता को दोहराया: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला pic.twitter.com/gZdM0ssyNY
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यह लगभग 15 बिलियन डॉलर का निवेश है जो ऑस्ट्रेलिया ने भारत में किया है और हमने ऑस्ट्रेलिया में लगभग 12 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। दोनों निवेश लगातार बढ़ रहे हैं। NIIF एक छोटा सा क्षेत्र है जिसमें हमारे बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण निवेश की संभावना है: विदेश सचिव pic.twitter.com/oQ5Fnj6L8O
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वर्चुअल शिखर सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण परिणाम व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत सरकार के प्रमुखों के स्तर पर वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय था। ऑस्ट्रेलिया तीसरा देश होगा जिसके साथ भारत का इंस्टीट्यूशनल वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा: विदेश सचिव pic.twitter.com/FUCucJJFGU
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ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आज दोपहर वर्चुअल शिखर वार्ता का आयोजन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन द्वितीय भारत-ऑस्ट्रेलिया आभासी शिखर सम्मेलन में वर्चुअली शामिल हुए।
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(सोर्स: DD) pic.twitter.com/cWE7QgrDiu
इस वर्चुअली बैठक में दोनों देशों के प्रधानमंत्री रूस यूक्रेन की जंग से पैदा हालातों, व्यापार और यूक्रेन में पनपी संकटीय अवस्था पर चर्चा करेंगे। के मौजूदा हालात और आपसी व्यापार संबंधों पर विस्तार से चर्चा कर सकते हैं। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र व म्यांमार पर पड़ने वाले प्रभाव समेत कई और क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद हैं
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि मैं पुतिन के साथ बातचीत के लिए तैयार हूं, लेकिन अगर वे विफल होते हैं, तो इसका मतलब तृतीय विश्व युद्ध हो सकता है: द कीव इंडिपेंडेंट#RussiaUkraineCrisis
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#WATCH ऑस्ट्रेलिया द्वारा 29 पुरावशेषों को भारत वापस लाया गया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया से वापस लाए गए इन पुरावशेषों का निरीक्षण किया। (सोर्स: प्रधानमंत्री कार्यालय) pic.twitter.com/Dpe3JFIEDA
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शिखर वार्ता में दोनों देशों के पीएम द्विपक्षीय व्यापार, निवेश, रोजगार और आर्थिक अवसरों पर चर्चा होगी। बैठक में दोनों पक्षों के ‘दुर्लभ खनिज’ के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक विशेष घोषणा करने की उम्मीद है। आस्ट्रेलिया वैश्विक लिथियिम उत्पादन का 55 प्रतिशत उत्पादित करता है और उसके पास विश्व के लिथियम भंडार का करीब 20 प्रतिशत है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के जल्द ही ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर जाने की संभावना है ताकि वह दुर्लभ पृथ्वी खनिजों से जुड़ी परियोजनाओं की संभावनाओं को टटोल सकें।
खबरों के मुताबिक दोनों देशों के बीच होने वाली डिजिटल शिखर बैठक में करीब 1500 करोड़ निवेश पैकेज की ऑस्ट्रेलिया पीएम मॉरीसन घोषणा कर सकते है। इसमें स्वच्छ प्रौद्योगिकी और खनिज क्षेत्र में सहयोग के लिए 183 करोड़ रुपये तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में संबंध बढ़ाने के लिए 136 करोड़ रुपये शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच युवा रक्षा अधिकारियों के आदान-प्रदान के कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का नाम भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत के नाम पर होने की संभावना है जिनकी मौत पिछले साल दिसंबर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हो गई थी।
आपको बता दें इस समय दोनों देशों का व्यापार का अनुमान करीब 12 अरब अमेरिकी डॉलर का है और उम्मीद की जा रही है कि वस्तुओं और सेवाओं पर प्रथम चरण के समझौते के साथ ही इसमें और अधिक वृद्धि हो।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 29 पुरावशेषों का निरीक्षण किया, जिन्हें ऑस्ट्रेलिया से भारत वापस लाया गया है। सूत्रों ने कहा कि प्राचीन वस्तुएं विषयों के अनुसार छह व्यापक श्रेणियों में हैं - शिव और उनके शिष्य, शक्ति की पूजा, भगवान विष्णु और उनके रूप, जैन परंपरा, चित्र और सजावटी वस्तुएं। ये पुरावशेष अलग-अलग समय अवधि से आते हैं, जो सबसे पहले 9-10 शताब्दी ईस्वी पूर्व के हैं। ये मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार की सामग्रियों - बलुआ पत्थर, संगमरमर, कांस्य, पीतल, कागज में निष्पादित मूर्तियां और पेंटिंग हैं। भारत में एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए, प्राचीन वस्तुएं राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल से हैं। सूत्रों ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया द्वारा 29 पुरावशेषों को भारत वापस लाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज ऑस्ट्रेलिया से लौटे इन पुरावशेषों का निरीक्षण किया।
Created On :   21 March 2022 8:30 AM IST