ज्ञानवापी सर्वे में मिले शिवलिंग के समक्ष अनुष्ठान के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर कर वाराणसी में विवादित ज्ञानवापी मस्जिद स्थल पर पाए गए शिवलिंग के पास हिंदुओं को धार्मिक अनुष्ठान/पूजा-अर्चना करने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई है। श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति दल के अध्यक्ष राजेश मणि त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता शीर्ष अदालत के समक्ष 12 जुलाई से 12 अगस्त तक शुरू होने वाले श्रावण के महीने में संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत पूजा करने और अधिकारों का प्रयोग करने की अनुमति मांगने के लिए आए हैं।
याचिका में कहा गया है, यह प्रस्तुत किया जाता है कि आवेदक वाराणसी की संबंधित अदालत द्वारा पारित आदेश के अनुसरण में किए गए सर्वेक्षण के दौरान पाए गए शिवलिंग पर भारत के संविधान के तहत गारंटी के अनुसार अपनी धार्मिक प्रथाओं को निष्पादित करना चाहता है। यह रिकॉर्ड की बात है कि सर्वेक्षण के दौरान मिले उक्त शिवलिंग को संबंधित अदालत द्वारा पारित आदेश के तहत विधिवत संरक्षित किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि यद्यपि उक्त शिवलिंग को स्थानीय अदालत द्वारा पारित आदेश द्वारा संरक्षित किया गया है, लेकिन श्रद्धालुओं, भगवान शिव के भक्तों पर पूजा करने और वहां अनुष्ठान करने पर प्रतिबंध है। याचिका में कहा गया है कि अयोध्या मामले के फैसले में यह माना गया था कि एक देवता, हमेशा एक देवता होता है और एक मंदिर, केवल ध्वस्त होने पर, अपना चरित्र, पवित्रता या गरिमा नहीं खोता है।
20 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्षों द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा के अधिकार की मांग करने वाले मुकदमे की कार्यवाही वाराणसी में जिला न्यायाधीश को स्थानांतरित कर दी थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने 17 मई के अपने अंतरिम आदेश में शिवलिंग की सुरक्षा का निर्देश दिया था, जिसे कथित तौर पर ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वेक्षण के दौरान खोजा गया था। जिला जज के आदेश के बाद, मुस्लिमों को नमाज अदा करने के लिए पर्याप्त इंतजाम करने की बात भी कही गई है।
(आईएएनएस)
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Created On :   15 July 2022 7:00 PM IST