8000 रुपए में मिलती है यहां एक बोरी सीमेंट, फिर भी स्वच्छ भारत की ओर ध्यान

People of Arunachals town are paying Rs 8,000 for a cement bag
8000 रुपए में मिलती है यहां एक बोरी सीमेंट, फिर भी स्वच्छ भारत की ओर ध्यान
8000 रुपए में मिलती है यहां एक बोरी सीमेंट, फिर भी स्वच्छ भारत की ओर ध्यान

डिजिटल डेस्क, ईटानगर। देशभर में आमतौर पर सीमेंट की एक बोरी 350 से 400 रुपए के बीच मिलती है। ऐसे में शायद ही कोई यकीन करे कि देश का एक कोना ऐसा भी है जहां सीमेंट की एक बोरी के लिए 8000 रुपए चुकाने पड़ते हैं। जी हां, यह हकीकत है। अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर शहर में रहने वाले लोग एक सीमेंट की बोरी के लिए 8,000 रुपए की कीमत चुका रहे हैं। यह शहर चांगलांग जिले के अंतर्गत आता है। इस शहर की जनसंख्या महज 1500 है। आश्चर्य की बात यह भी है कि जहां देशभर सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक न पहुंचने की बात कही जाती है, वहीं इस शहर में इतनी महंगी सीमेंट होने के बाद भी केन्द्र सरकार का स्वच्छ भारत मिशन जोर शोर से चल रहा है। शहर को खुले में शौच मुक्त (ODF) बनाने के लिए सरकार की ओर से बड़ी राशि खर्च की जा रही है।

मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशभर में बनाए जा रहे शौचालयों के तहत अरुणाचल प्रदेश के इस शहर में भी शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग (PHE) विभाग यहां घरों में शौचालयों का निर्माण कर रहा है। इसे व्यक्तिगत घरेलू लैट्रिन (IHHL) नाम दिया गया है। इसकी फंडिंग केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। इसके तहत केंद्र सरकार 10,800 और राज्य द्वारा 9,200 रुपए शौचालय के निर्माण में दे रही है।

यहां शौचालय बनाने में आ रही मुश्किलों को बताते हुए PHE विभाग के अफसर जुमुली अदो कहते हैं, "हां यहां एक सीमेंट बोरी के लिए लोग 8000 रुपए चुका रहे हैं। काफी दूर से सीमेंट मंगाना पड़ती है। यहां दूसरे बड़े शहरों से जुड़ने के लिए सड़क मार्ग भी नहीं है, जिसके चलते ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इन सब के बावजूद शौचालय निर्माण का काम जारी है।"

इसलिए इतनी महंगी है सीमेंट
अरुणाचल के चांगलांग जिले में 1500 की आबादी वाले शहर विजयनगर में दूसरे बड़े शहरों से जुड़ने के लिए सड़क संपर्क नहीं है। इसके चलते पैदल रास्तों से बड़े शहरों तक पहुंचने के लिए लोगों को 5 दिन लगते हैं। यहां के निवासी चकमा लोग 156 किलोमीटर चलकर पीठ पर सीमेंट की बोरी लाते हैं। यह भी तब संभव हो पाता है जब बड़े शहरों में सीमेंट की बोरी उपल्ब्ध हो। हालांकि सामानों की आपूर्ति के लिए एक साप्ताहिक हेलिकॉप्टर सेवा भी है लेकिन यह पूरी तरह से मौसमी स्थिति पर निर्भर करती है।

Created On :   18 Nov 2017 7:40 PM IST

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