Economic Package: वित्त मंत्री ने तीसरी इन्स्टॉलमेंट में की 11 घोषणाएं कीं, 8 किसानों और खेती से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में, जानिए किसे क्या मिला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की तीसरी किश्त में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 11 घोषणाएं कीं। इनमें से 8 घोषणाएं किसानों और खेती से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स के बारे में थीं। बाकी तीन घोषणाएं प्रशासनिक सुधारों के बारे में थीं। सबसे बड़ा ऐलान खेती से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए हुआ है, जिसके लिए एक लाख करोड़ रुपए का फंड मिलेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि इस तीसरी किश्त के तहत किए जा रहे उपायों में कृषि के साथ मत्स्य पालन भी शामिल है। सरकार ने कृषि क्षेत्र में एग्रीगेटर और स्टार्टअप के लिए एक लाख करोड़ रुपए की घोषणा की, इसमें गोदाम और कोल्ड चेन शामिल हैं। इसका लाभ किसानों की सहकारी समितियों को भी होगा। सरकार ने पोषण उत्पादों के लिए क्लस्टर आधारित विनिर्माण के लिए 10,000 करोड़ रुपए की घोषणा की, जिसमें दो लाख एमएफआई को लाभ होगा। उदाहरण के लिए कश्मीर में केसर और बिहार में मखाना क्लस्टर लाभान्वित हो सकते हैं।
सीतारमण ने कहा, भारत दूध उत्पादन, जूट और दालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। वहीं गन्ना, कपास, मूंगफली, फलों, सब्जियों और मत्स्यपालन में देश दूसरे स्थान पर है और अनाज उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। भारतीय किसान वास्तव में स्थायी हैं और यह सुनिश्चित करता है कि वह हमें सबसे अधिक उपज देंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि इसका श्रेय भारतीय किसान को जाता है, जो हमेशा विभिन्न चुनौतियों के लिए खड़ा रहा है और उसने भारत को कई वैश्विक कीर्तिमान तक पहुंचाया है। आईए जानते हैं वित्त मंत्री ने किस क्षेत्र को क्या दिया...
- किसानों को उनकी फसलों का बेहतर दाम दिलाने के मकसद से फार्म गेट इन्फ्रास्ट्रक्च र बनाने के लिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए का कृषि फंड बनाने का एलान किया है।
- सूक्ष्म खाद्यम उद्यम यानी एमएफई के लिए केंद्र सरकार 10,000 करोड़ रुपए के प्रावधान के साथ एक स्कीम लाई है जिसका मकसद स्थानीय उत्पादों का संवर्धन करना है। इस योजना के तहत स्थानीय उत्पाद जैसे उत्तर प्रदेश के आम, आंध्रप्रदेश की मिर्च, महाराष्ट्र की नारंगी, कर्नाटक के टमाटर और इसी प्रकार अन्य उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग करके इसकी पहुंच वैश्विक बाजारों में बनाना है।
- फुट एंड माउथडिजीज (एफएमडी)और ब्रूसेसेलोसिस के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम 13,343 करोड़ रुपए के कुल खर्च के साथ शुरू किया गया है जिसके तहत मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी और सुअर (कुल 53 करोड़ पशुओं) का टीकाकरण किया जाएगा।
- डेयरी प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और पशु चारा बुनियादी ढांचे में निजी निवेश के लिए 15,000 करोड़ रुपए की एक पशुपालन अवसंरचना विकास निधि बनाई जाएगी।
- वित्तमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग 20-25 फीसदी घट गई। सरकार चालू वित्त वर्ष मे डेयरी को-ऑपरेटिव को दो फीसदी की दर से इंटरेस्ट सब्वेंशन प्रदान करने की एक स्कीम लाएगी। इससे 5000 करोड़़ की अतिरिक्त तरलता बढ़ेगी और इससे दो करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।
- राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड ने औषधीय पौधों की खेती के तहत 2.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का सुझाव दिया है और 4000 करोड़ रुपए की लागत से 10,00,000 हेक्टेयर को अगले दो वर्षों में हर्बल खेती की जाएगी।
- देश के मछुआरों की मदद के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तहत सरकार ने 20000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- किसानों की मदद के लिए, सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा संचालित ऑपरेशन ग्रीन्स योजना को विस्तृत करने का फैसला किया है जिसमें टमाटर, प्याज-आलूके साथ सभी फल और सब्जियों को शामिल किया गया है।
- मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने एक समेकित योजना आरंभ करने का एलान किया, जिसमें एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र, संग्रह, विपणन और भंडारण केंद्र, हार्वेस्टिंग और मूल्य संवर्धनसुविधाएं आदि से संबंधित बुनियादी ढांचा विकास शामिल होगा।
- वित्तमंत्री ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जाएगा जिसके तहत किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सके, और उपभोक्ताओं द्वारा खर्च किए गए रुपए का एक बड़ा हिस्सा भी मिल सके।
- किसान अपने उत्पाद बेहतर दाम पर बेच सकें और कृषि उत्पादों का निर्बाध अंतर्राज्यीय व्यापार हो इसके लिए केंद्र एक कानून लाएगा और कृषि उत्पादों के इलेक्ट्रॉनिक व्यापार के लिए एक फ्रेमवर्क होगा जिससे किसान अपने उत्पाद देश के किसी भी कोने में पहुंचा सकें।
Created On :   15 May 2020 10:32 AM GMT