मुंबई : 100 साल पुरानी बिल्डिंग गिरने से 13 की मौत, 9 घायल, विपक्ष ने साधा निशाना
- मलबे में 40 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका
- रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
- मुंबई के डोंगरी इलाके में मंगलवार को चार मंजिला पुरानी बिल्डिंग गिरी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। हिमाचल प्रदेश के बाद अब मुंबई के डोंगरी इलाके में मंगलवार को चार मंजिला इमारत गिर गई। दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में 100 साल पुरानी इमारत का हिस्सा गिरने से मरने वालों की मौत बढ़कर 13 हो गई है, जबकि 9 जख्मी बताए जा रहे हैं। हादसा मंगलवार दोपहर पौने बारह बजे के करीब हुआ। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। खबर लिखे जाने तक प्रशासन राहत और बचाव के काम में जुटा हुआ था। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
#WATCH Mumbai: A woman being rescued by NDRF personnel from the debris of the building that collapsed in Dongri, today. 2 people have died 7 people have been injured in the incident. #Maharashtra pic.twitter.com/tmzV3Dmm7C
— ANI (@ANI) July 16, 2019
Mumbai: A child rescued from the building collapse site in Dongri, he has been admitted to hospital and is stable pic.twitter.com/LawktNSdR7
— ANI (@ANI) July 16, 2019
दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर मौजूद हैं। राहत बचाव कार्य जारी है। एनडीआरएफ के मुताबिक, संकरी गली होने के कारण बचाव कार्य में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
In an unfortunate incident, a G+4 Building collapsed in Dongri. Humble request to citizens to stay away from the incident spot to facilitate effective rescue operations by authorities. A green corridor has been provided for all emergency services and rescue operations.
— Mumbai Police (@MumbaiPolice) July 16, 2019
इमारत के पुनर्विकास के लिए नियुक्त किए गए विकासक द्वारा समय पर काम नहीं करने के बारे में जांच कराई जाएगी। मंत्रालय में मुख्यमंत्री ने कहा कि इमारत 100 साल पुरानी थी। इमारत के रहिवासियों ने म्हाडा के नियमों के अनुसार इमारत के पुनर्विकास के लिए एक विकासक को नियुक्त किया था। म्हाडा की ओर से विकासक को मंजूरी दो दी गई थी। लेकिन विकासक ने समय पर पुनर्विकास का काम क्यों नहीं शुरु किया, इसकी जांच की जाएगी। इमारत के संबंध में पूरी जानकारी मिलने के बाद मैं घटना की जांच की घोषणा करूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इमारत में लगभग 15 परिवार रहते थे। फिलहाल मलबे में फंसे लोगों को निकालने के काम को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के गृहनिर्माण मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील को घटना स्थल पर जाने का निर्देश दिया गया है। वहीं प्रदेश के मेडिकल शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जख्मियों के इलाज बेहतर तरीके से हो।
Maharashtra CM Devendra Fadnavis on Dongri building collapse: As per the initial information I have received, around 15 families are feared trapped in the collapse. The building is around 100 yrs old. The entire focus is on rescuing the people trapped. Investigation will be done. pic.twitter.com/ApIVqmNLMb
— ANI (@ANI) July 16, 2019
केसरबाई नाम की यह इमारत तांडेल स्ट्रीट पर अब्दुल हमीद दरगाह के पास स्थित है। इमारत में रहने वाले 10 परिवारों के दर्जनों लोग हादसे के बाद मलबे में दब गए। घटना की सूचना मिलते ही दमकल, एनडीआरएफ, पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं। मलबे से आठ लोगों को बचाकर अस्पताल पहुंचाया गया हैं। जिन लोगों को सुरक्षित निकाला गया है उनमें एक 15-16 साल की लड़की भी है। लड़की लोहे की बीम, दरवाजे, गैस सिलेंडर के नीचे दबी हुई थी। उसका हाथ बाहर दिख रहा था। लड़की को बचाने के लिए हाइड्रोलिक कटर के जरिए मलबे को काट कर हटाया गया।
#UPDATE Brihanmumbai Municipal Corporation (BMC) Disaster Management Cell: Two people have died and five have been rescued so far, after a building collapsed in Dongri. #Mumbai https://t.co/l5sgymdihK
— ANI (@ANI) July 16, 2019
सरकार की लापरवाही से गई जानः जयंत पाटील
डोंगरी इमारत दुर्घटना के लिए विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है। राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि सरकार की लापरवाही के चलते लोगों की जान गई। उन्होंने कहा कि मुंबई में बारिश शुरु होते ही दुर्घटनाओं की श्रृखला शुरु हो जाती है। नाले में गिरने से लोग मर रहे तो दीवार की चपेट मे आने से लोगों की जान जा रही है। पाटील ने कहा कि विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान खतरनाक इमारतों में रहने वालों के पुनर्वसन का मसला हमनें सदन में उठाया था। लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद लड़की को सुरक्षित बचाकर अस्पताल पहुंचाया गया। घायलों का नजदीकी जेजे और हबीब अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। घायलों में आयशा शेख और अब्दुल रहमान नाम के तीन-तीन साल के बच्चे भी हैं। हादसे का शिकार होने वालों में कई महिलाएं और बच्चे भी हैं। इमारत तक पहुंचने का रास्ता बेहद संकरा होने और स्थानीय लोगों की भीड़ के चलते भी प्रशासन को राहत और बचाव के कार्य में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने बताया, इमारत का आधा हिस्सा जर्जर था, जिसके गिरने की आशंका पहले से ही थी लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इमारत ढहने के बाद बीएमसी ने इमामवाड़ा म्युनिसिपल सेकेंडरी गर्ल्स स्कूल में शेल्टर खोला है।
Created On :   16 July 2019 1:06 PM IST