- जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधों में ढील के साथ स्थिति सामान्य हो रही है
- सभी लैंडलाइन और कुपवाड़ा में पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं बहाल कर दी गई हैं
- स्कूलों में शिक्षको और छात्रों की उपस्थिति बढ़ रही है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने बुधवार को संकेत दिया कि जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधों में ढील के साथ स्थिति सामान्य हो रही है।
MHA ने कहा, "सभी लैंडलाइन और कुपवाड़ा में पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। स्कूल, स्वास्थ्य संस्थान और बैंक पूरी तरह से काम कर रहे हैं। स्कूलों में शिक्षको और छात्रों की उपस्थिति बढ़ रही है। सभी बैंक और एटीएम भी कार्यात्मक हैं। JK बैंक से 1.08 करोड़ से अधिक की निकासी हुई है। स्वास्थ्य संस्थान 510,870 आउट-पेशेंट-डिपार्टमेंट्स (ओपीडी) और 15,157 सर्जरी के साथ पूरी तरह कार्यात्मक हैं।
बुनियादी जरूरतों की उपलब्धता पर सरकार ने कहा है कि पेट्रोलियम उत्पादों और खाद्यान्नों का पर्याप्त भंडार है। सभी जिला मुख्यालयों पर विभागीय उद्देश्यों जैसे ई-टेंडरिंग, स्कॉलर शिप फॉर्म जमा करना, नौकरी के लिए आवेदन के लिए इंटरनेट कियोस्क कार्यरत है। आम जनता और पर्यटकों की सुविधा के लिए 12 अतिरिक्त एयर टिकटिंग काउंटर भी स्थापित किए गए हैं।
Update from #JammuAndKashmir Govt as on 11.09.19
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) September 11, 2019
1. All Landlines restored; Postpaid mobiles in Kupwara restored
2. Schools functioning; Teacher-Student attendance improving
3. All Health Institutions fully functional; OPD: 510870, Surgeries: 15157 @diprjk @PIB_India
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भारत के बयान के एक दिन बाद सरकार का यह अपडेट आया है। UNHRC में भारत ने कहा था कि कश्मीर पर उठाए गए सरकार के कदम संविधान के दायरे में आते हैं। इन कदमों को उठाने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी विकास कार्य हो सके।
बता दें कि यूएनएचआरसी में भारत की ओर से सेक्रेटरी ईस्ट विजय ठाकुर सिंह ने कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताया था। उन्होंने कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के लगाए गए आरोपों को भी झूठा बताया था। सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान झूठ की रनिंग कमेंट्री कर रहा है।
सिंह ने कहा था जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हमारे नागरिकों के लिए पूरी तरह से प्रगतिशील नीतियां लागू की जा रही है। यह लिंग भेदभाव को खत्म करेगा, किशोर अधिकारों की बेहतर रक्षा करेगा और शिक्षा, सूचना, और काम के अधिकारों को लागू करेगा। उन्होंने कहा ज्यादातर जगहों पर पाबंदियों में ढील दी जा रही है, राज्य में सुरक्षा को बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर अस्थाई कदम उठाए जा रहे हैं।
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएन से जम्मू-कश्मीर में भारत की कार्रवाई की जांच की मांग की थी। कुरैशी ने कहा था, "आज, मैंने मानवाधिकार परिषद के दरवाजों पर दस्तक दी है, ताकि कश्मीर के लोगों को न्याय और सम्मान मिल सके।" उन्होंने कहा था, जम्मू-कश्मीर में भारत की कार्रवाई की जांच की जानी चाहिए।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद यहां पर 5 अगस्त से कई प्रतिबंध लगाए गए है। शांति व्यवसथा बनाए रखने के लिए ये प्रतिबंध लगाए गए हैं। हालांकि अब हालात सामान्य होने लगे हैं और सरकार धीरे-धीरे सभी प्रतिबंधों को हटा रही है।
Created On :   11 Sept 2019 9:17 PM IST