बस पर सियासत: राजस्थान सरकार पर बरसीं मायावती, कहा- किराया मांगना कंगाली का प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। कोरोना संकट के बीच देश में बस को लेकर सियासत तेज हो गई है। अब राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को बसों का बिल थमाकर इसे तूल दे दिया है। कोटा से उत्तर प्रदेश लाए गए छात्रों के लिए राजस्थान सरकार ने योगी सरकार से 36 लाख रुपये किराया मांगा है। इसे लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती योगी सरकार के समर्थन में उतर आई हैं। उन्होंने राजस्थान कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, यह कदम कंगाली व अमानवीयता को प्रदर्शित करता है।
दो पड़ोसी राज्यों के बीच घिनौनी राजनीति दुखद
मायावती ने ट्वीट कर कहा, राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा कोटा से करीब 12,000 युवा-युवतियों को वापस उनके घर भेजने पर हुए खर्च के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार से 36.36 लाख रुपये और देने की जो मांग की है वह उसकी कंगाली व अमानवीयता को प्रदर्शित करता है। दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति-दुखद है।
मनमाना किराया वसूल रही गहलोत सरकार
उन्होंने कहा, कांग्रेसी राजस्थान सरकार एक तरफ कोटा से उप्र के छात्रों को अपनी कुछ बसों से वापस भेजने के लिए मनमाना किराया वसूल रही है, तो दूसरी तरफ अब प्रवासी मजदूरों को उप्र में उनके घर भेजने के लिए बसों की बात करके राजनीति का खेल खेल रही है, यह कितना उचित व कितना मानवीय है।
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गौरतलब है कि कांग्रेस की राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन में फंसे कुछ छात्रों को कोटा से उत्तर प्रदेश के बॉर्डर तक छोड़ने की एवज में यूपी सरकार से 36 लाख रुपये बसों का किराया मांगा है। राजस्थान के कोटा में मेडिकल इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश के 12 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को लॉकडाउन के दौरान योगी सरकार ने घर पहुंचाने का फैसला किया था।
सरकार के एक अधिकारी ने बताया, जो बसें उपलब्ध कराई गईं थी, उनके 19.76 लाख रुपये के डीजल का भुगतान किया जा चुका है। अब 36.36 लाख रुपये का बिल राजस्थान सरकार की ओर से भेजा गया है। उप्र सरकार का कहना है, एक तरफ कांग्रेस प्रवासियों को नि:शुल्क भेजने की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर उसकी पार्टी की सरकार बच्चों का किराया मांग रही है।
Created On :   22 May 2020 12:46 PM IST