हिमाचल में लैंडस्लाइड : 48 हुई मरने वालों की संख्या, दो बसें जमींदोज, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश में पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे पर देर रात हुई भूस्खलन की घटना के बाद अब तक 48 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं। अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने के चलते बचाव कार्य जारी है। शनिवार रात 2 यात्री बसें इस भूस्खलन की चपेट में आ गईं थी। एक बस में 8 यात्री थे वहीं एक अन्य बस में 47 यात्री सवार थे। रविवार को हरियाणा सीएम वीरभद्र सिंह ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्यों का जायजा लिया है। इस दौरान उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए राहत राशि प्रदान करने का ऐलान भी किया है।
50 तक पहुंच सकता है मृतकों का आंकड़ा
हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि बीती रात हुई दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 हो सकती है। विशेष सचिव (आपदा) डीडी शर्मा ने बताया कि बीती रात ये बसें जब कोटरूपी में जलपान के लिये रुकी थीं तभी यह दुर्घटना हुई। भूस्खलन में पूरा मार्ग बह गया और बसें करीब 800 मीटर गहरी खाई में जा गिरीं। जिनमें से एक बस मलबे के नीचे पूरी तरह से दब गई हैं और इसका कोई अता पता नहीं है। पुलिस महानिदेशक सोमेश गोयल ने बताया कि प्राथमिक सूचना के अनुसार मनाली-कटरा वॉल्वो बस में आठ यात्री जबकि अन्य बस में 47 यात्री थे।
मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख मुआवजा
हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह रविवार को कोटरूपी पहुंचे। यहां उन्होंने राहत और बचाव कार्यो का जायजा लेते हुए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए राहत राशि देने की घोषणा की है। इस दौरान सीएम वीरभद्र ने मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात की।
राहुल गांधी ने जताया दुख
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि ""मंडी में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। हिमाचल सरकार और स्थानीय कांग्रेस इकाइयों से हर संभव मदद का आग्रह किया है।""
इस तरह का ये तीसरा हादसा
हिमाचल में यह ऐसी तीसरी घटना है। इससे पहले वर्ष 1988 में शिमला जिले में मटियाना के निकट भूस्खलन की चपेट में आने से 45 यात्रियों की मौत हो गई थी वहीं1994 में कुल्लू जिले के लुग्गर हाटी में एक अन्य हादसे में 42 लोग मलबे में दब गए थे।
Created On :   13 Aug 2017 10:34 AM IST