कॉन्सुलर एक्सेस के बाद MEA ने कहा- जाधव पर पाक के झूठे आरोप स्वीकार करने का दबाव

- MEA ने कहा
- जाधव पर पाकिस्तान के झूठे आरोप स्वीकार करने का दबाव है
- जाधव से सोमवार को भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने मुलाकात की
- मुलाकात के दौरान जाधव काफी दबाव में दिख रहे थे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद इंडियन नेवी के रिटायर्ड अफसर कुलभूषण जाधव से सोमवार को भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद भारत की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि जाधव पर पाकिस्तान के झूठे आरोप स्वीकार करने का दबाव है। मुलाकात के दौरान जाधव काफी दबाव में दिख रहे थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "इस मामले में हमें विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है लेकिन एक बात साफ है कि कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान भारी दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा कि विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद हम इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस आईसीजे के निर्देशों के अनुसार आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे।" कुमार ने कहा कि "विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जाधव की मां से बात की है और उन्हें नवीनतम घटनाक्रम की जानकारी दी है।"
बता दें कि पाकिस्तान ने रविवार को कहा था कि, वह कुलभूषण जाधव को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के जजमेंट के तहत सोमवार को कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान करेगा। जाधव मार्च 2016 से पाकिस्तान की जेल में हैं। पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
ICJ के फैसले से पहले जाधव को 25 दिसंबर, 2017 को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय में केवल एक बार उनकी मां और पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई थी। 35 मिनट के करीब चली बैठक में, जाधव ने अपने परिवार से एक इंटरकॉम के माध्यम से बात की थी। इस दौरान दोनों के बीच कांच का पार्टिशन रखा गया था। भारत ने तब इस्लामाबाद के इन दावों को खारिज कर दिया था कि उसने जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान किया था।
गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच के पाकिस्तान के इनकार के बाद भारत ने मई 2017 में ICJ का रुख किया था। भारत ने 48 वर्षीय कुलभूषण जाधव के खिलाफ पाकिस्तान की सैन्य अदालत में "फार्सिकल ट्रायल" को भी चुनौती दी थी। ICJ ने 18 मई, 2017 को फैसला आने तक पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव की मौत की सजा देने से रोक दिया था।
इसके बाद 21 जुलाई को आईसीजे ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने के साथ ही भारत को कॉन्सुलर एक्सेस भी दिया था। ICJ में 15-1 से भारत के पक्ष में ये फैसला सुनाया गया था। कोर्ट ने कहा था कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से संपर्क करने और उनके लिए कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करने के अधिकार से भारत को वंचित किया। यह विएना संधि के तहत कॉन्सुलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन है।
Created On :   2 Sept 2019 8:09 PM IST