गगनयान प्रोग्राम की सफलता की तरफ ISRO का एक और कदम, लिक्विड प्रोपेलेंट विकास इंजन के तीसरे टेस्ट को सक्सेसफुली कंडक्ट किया
- इसरो ने गगनयान के लिए तरल प्रणोदक इंजन का उष्ण परीक्षण किया
- गगनयान प्रोग्राम की सफलता के लिए ये टेस्ट महत्वपूर्ण
- गगनयान भारत का पहला ऐसा मिशन जिसमें एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेजा जाएगा
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने बुधवार को गगनयान प्रोग्राम के लिए लिक्विड प्रोपेलेंट विकास इंजन के तीसरे लॉन्ग ड्यूरेशन हॉट टेस्ट को सक्सेसफुली कंडक्ट किया। गगनयान भारत का पहला ऐसा मिशन है जिसमें एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेजा जाएगा। केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस साल फरवरी में कहा था कि पहला मानव रहित मिशन दिसंबर 2021 में तथा दूसरा मानव रहित मिशन 2022-23 में और उसके बाद मानव सहित अंतरिक्ष यान की योजना है।
इसरो ने एक बयान में कहा कि लिक्विड प्रोपेलेंट विकास इंजन का टेस्ट ह्यूमन रेटेड जीएसएलवी एमके III व्हीकल के कोर L110 लिक्विड स्टेज के लिए किया गया है। गगनयान प्रोग्राम के इंजन क्वालिफिकेशन रिक्वायरमेंट के हिस्से के रूप में ये टेस्ट किया गया है। इंजन को तमिलनाडु में महेंद्रगिरि के इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) की टेस्ट फैसिलिटी में 240 सेकंड के लिए फायर लिया गया। बयान के अनुसार, इंजन के परफॉर्मेंस ने टेस्ट के उद्देश्यों को पूरा किया और टेस्ट की पूरी अवधि के दौरान इंजन के पैरामीटर अनुमानों के अनुरूप थे।
गगनयान मिशन का उद्देश्य इंडियन लॉन्च व्हीकल पर मनुष्यों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने और उन्हें वापस पृथ्वी पर लाने की इसरो की क्षमता का प्रदर्शन करना है। गगनयान प्रोग्राम के हिस्से के रूप में चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री-उम्मीदवार पहले ही रूस में जेनरिक स्पेस फ्लाइट ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके हैं। गगनयान कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2018 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान की थी।
Created On :   14 July 2021 10:57 PM IST