कोविड वैक्सीन से हटेगा पेटेंट! अमेरिकी समर्थन का भारत ने स्वागत किया

India welcomes US governments statement on waiving off intellectual property rules on Covid vaccines
कोविड वैक्सीन से हटेगा पेटेंट! अमेरिकी समर्थन का भारत ने स्वागत किया
कोविड वैक्सीन से हटेगा पेटेंट! अमेरिकी समर्थन का भारत ने स्वागत किया
हाईलाइट
  • इसमें वैक्सीन प्रोडक्शन पर से पेटेंट हटाने की मांग की गई थी
  • कोविड वैक्सीन पर पेटेंट हटाने के अमेरिकी समर्थन का भारत ने स्वागत किया
  • पिछले साल भारत और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने WTO के सामने एक प्रस्ताव रखा था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोविड वैक्सीन पर पेटेंट हटाने के अमेरिकी समर्थन का भारत ने स्वागत किया है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा, इस इनिशिएटिव के लिए अमेरिकी सरकार के समर्थन को लेकर दिए गए बयान का हम स्वागत करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सर्वसम्मति-आधारित दृष्टिकोण के साथ, WTO में जल्दी से इस छूट को मंजूरी मिल जाएगी।

 

 

दरअसल, पिछले साल अक्टूबर में भारत और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। जिसमें कहा गया था कि जबतक कोरोना महामारी का संकट है, तबतक वैक्सीन प्रोडक्शन पर से पेटेंट हटा दिया जाए। इससे वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने में आसानी होगी। अब बीते दिन ही अमेरिकी सरकार ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने वैक्सीन पेटेंट को हटाने का समर्थन किया है। कई अन्य देश भी कोविड वैक्सीन से पेटेंट हटाने की मांग में भारत के साथ खड़े हैं।

अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन टाई ने कहा, यह एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट है और कोविड-19 महामारी के असाधारण हालात में असाधारण कदम उठाने की जरूरत है। टाई ने हालांकि कहा कि इस फैसले में समय लग सकता है क्योंकि विश्व व्यापार संगठन में निर्णय आम सहमति से होते हैं। 

बयान में यह भी कहा गया है कि अमेरिका इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के अधिकारों का पुरजोर समर्थन करता है लेकिन महामारी को देखते हुए वैक्सीन से पेटेंट हटाने के लिए विश्व व्यापार संगठन में पेटेंट हटाने के लिए पूरा जोर लगाएगा। टाई ने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए हाल के हफ्तों में अमेरिकी दवा कंपनियों फाइजर, मॉडर्ना और जॉन्सन ऐंड जॉन्सन के अधिकारियों से मुलाकात की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख तेद्रोस अधनोम गेब्रयेसुस ने अमेरिका के फैसले को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में यह फैसला मील का पत्थर है। हालांकि दवा निर्माता कंपनियां और उनके देश इस मांग का तीखा विरोध करते रहे हैं। उन्होंने अमेरिका के रुख को निराशाजनक बताया है। जेनेवा स्थित इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स ऐंड असोसिएशन्स ने कहा, "अधिकार हटाना तो साधारण है लेकिन यह एक जटिल समस्या का गलत हल है।" 

बता दें कि अगर कोविड की वैक्सीन पर से पेटेंट हट जाता है तो इसका फॉर्मूला दूसरी दवा कंपनियों को भी दिया जा सकेगा। इससे ज्यादा मात्रा में वैक्सीन को प्रोडक्शन किया जा सकेगा। गरीब देश भी अपने यहां वैक्सीन को बना सकेंगे। इससे कोरोना महामारी से लड़ने में काफी मदद मिलेगी। अमीर देशों पर कोविड वैक्सीन की जमाखोरी के आरोपों के बीच अमेरिका पर इस मांग का समर्थन करने का भारी दबाव था।

Created On :   6 May 2021 3:29 PM GMT

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