भारत शुक्रवार को करेगा दूसरी अंडरवॉटर न्यूक्लियर मिसाइल का परीक्षण
डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। पनडुब्बी के अंदर से दुश्मन पर सटीक निशाना लगाने के लिए भारत एक और मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है। इस मिसाइल सिस्टम को भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया जा रहा है। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम तट पर शुक्रवार को इस के-4 परमाणु मिसाइल का परीक्षण पानी के अंदर समुद्र में ही किया जाएगा।
ज्ञात हो कि यह मिसाइल 3500 किलोमीटर स्ट्राइक रेंज वाली है, यानी 3500 किमी दूर बैठे दुश्मन को भी मार गिरा सकती है। यह देश की दूसरी अंडर वॉटर मिसाइल है। इससे पहले 700 किलोमीटर मारक-क्षमता वाली बीओ-5 मिसाइल बनाई गई थी। डीआरडीओ ने न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन आईएनएस अरिहंत क्लास वाली सबमरीन के लिए मिसाइल बनाई गई है।
India to test-fire 3,500 km range K-4 nuclear missile
— ANI Digital (@ani_digital) November 6, 2019
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पिछले माह होना था परीक्षण
सूत्रों के अनुसार एयरमैन नोटिस और मरीन सर्विसेज को लंबी रेंज वाले मिसाइल के टेस्ट संबंधी चेतावनियां जारी कर दी गई हैं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि शुक्रवार को डीआरडीओ मिसाइल की पूरी रेंज पर टेस्ट करेगा या कम रेंज पर ही इसे फायर किया जाएगा। जानकारी अनुसार इस मिसाइल का परीक्षण पिछले महीने ही होना था, लेकिन किन्हीं कारणों से इसे टाल दिया गया था।
आने वाले दिनों में अग्नि-3 और ब्रह्मोस मिसाइलों का भी परीक्षण
सूत्रों ने बताया कि के-4 मिसाइल का टेस्ट फिलहाल पानी के अंदर बने एक पॉन्टून से किया जाएगा, क्योंकि अभी मिसाइल का परीक्षण किया जाना बाकी है। पनडुब्बी से इसकी लॉन्चिंग तभी की जाएगी, जब यह लॉन्चिंग के लिए पूरी तरह तैयार होगा। आने वाले दिनों में डीआरडीओ अग्नि-3 और ब्रह्मोस मिसाइलों का परीक्षण भी करने वाला है।
न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन वाला विश्व का छठा देश भारत
भारत न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन वाला विश्व का छठा देश है। भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन के पास ही ऐसी सबमरीन हैं। देश में बनी पहली न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन आईएनएस अरिहंत को अगस्त 2016 में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था।
Created On :   6 Nov 2019 5:30 PM IST