LAC standoff: भारत-चीन के बीच कूटनीतिक बातचीत, LAC पर सैनिकों की पूरी तरह से वापसी पर सहमति जताई
- LAC पर सैनिकों की पूरी तरह से वापसी पर सहमति जताई
- दोनों देश राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत बहाल रखने पर सहमत हुए
- भारत और चीन के बीच कूटनीतिक स्तर की 16 वीं बैठक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर शुक्रवार को कूटनीतिक स्तर की 16 वीं (16th meeting of WMCC) बैठक आयोजित की गई। इस दौरान दोनों देशों ने एक बार फिर तनाव घटाने के लिए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी सुनिश्चित करने पर सहमति जताई। यही नहीं दोनों ही पक्ष गतिरोध का समाधान सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत बहाल रखने पर सहमत हुए हैं।
क्या कहा भारतीय विदेश मंत्रालय ने?
ऑनलाइन टॉक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया, जबकि चीन का नेतृत्व उनके विदेश मंत्रालय में बाउंड्री एंड ओसिएनिक डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनल ने किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने मौजूदा कूटनीतिक बातचीत में LAC पर तनाव घटाने की प्रक्रिया की समीक्षा की। मंत्रालय का कहना है कि सीमा पर शांति बहाली को उठाए जाने वाले जरूरी कदमों पर चर्चा के लिए जल्द ही भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के स्तर पर बातचीत होगी। भारत की ओर से संदेश साफ है कि LAC का सम्मान ही तनाव को खत्म करने की पहली शर्त होगी। वहीं चीन ने भी संकेत दिए हैं कि आपसी बातचीत से हालात को सामान्य किया जा सकता है।
लद्दाख के इलाकों पर चीन की नजर
बता दें कि भारत और चीन के बीच दो महीने से भी ज्यादा समय से लद्दाख सीमा पर विवाद चल रहा है। पैंगोंग लेक, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग सहित अन्य क्षेत्रों में चीनी सैनिकों के दाखिल होने से ये विवाद पैदा हुआ है। 15 जून की रात लद्दाख की गलवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के एक कर्नल और 19 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर आई थी। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोली नहीं चली। बातचीत के जरिए दोनों देश इस विवाद को सुलझानें की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक इसे पूरी तरह सुलझाया नहीं जा सका है।
डिसएंगेजमेंट के लिए तैयार हुए थे दोनों देश
30 जून को कोर कमांडर स्तर की मीटिंग में दोनों देश डिसएंगेजमेंट के लिए तैयार हुए थे। डिसएंगेजमेंट प्लान में तय हुआ था कि सेना धीरे-धीरे 2.5 से 3 किलोमीटर पीचे हटेगी और LAC के करीब बनाए गए मिलिट्री बिल्ड-अप को भी हटाया जाएगा। उधर, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने 5 जुलाई को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बात की थी। इस बातचीत में भी दोनों देशों के बीच सेना को फेज़ वाइज़ पीछे हटाने पर सहमति बनी। इसके बाद चीन की सेना पेट्रालिंग प्वाइंट 14, 15 और 17A पर टेंट और स्ट्रक्चर हटाते दिखाई दी थी। चीनी सेना ने अपने वाहनों को भी करीब 2 किलोमीटर पीछे हटा लिया।
Created On :   10 July 2020 9:19 PM IST