भारत और जर्मनी ने वन, कृषि-पारिस्थितिकी पर 2 समझौतों पर हस्ताक्षर किए
- कृषि पारिस्थितिकी के परिवर्तनशील एजेंडा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और जर्मनी सोमवार को कृषि-पारिस्थितिकी और प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन के संदर्भ में सहयोग के लिए सहमत हुए हैं। भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और जर्मनी के पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण मंत्री, स्टेफी लेमके के बीच वन लैंडस्केप बहाली को लेकर संयुक्त घोषणा पर वर्चुअली हस्ताक्षर किए गए हैं।
केंद्र सरकार ने कहा है कि यह दोनों देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने और संरक्षण और बहाली, जलवायु संरक्षण और जैव-विविधता के संरक्षण जैसे क्षेत्रों में समर्थन के लिए मंच प्रदान करेगा। दूसरी ओर, भारत एवं जर्मनी के बीच कृषि पारिस्थितिकी एवं प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन को लेकर पहल हुई है। इस संबंध में, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं जर्मनी की आर्थिक सहयोग व विकास मंत्री सुश्री स्वेंजा शुल्ज ने सोमवार को वर्चुअल बैठक में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए।
इस पहल के तहत, जर्मनी ने वर्ष 2025 तक वित्तीय और तकनीकी क्षेत्र से जुड़ी इस तरह की पहल के लिए 30 करोड़ यूरो तक का रियायती कर्ज उपलब्ध कराने की मंशा जताई है। तकनीकी सहयोग परियोजना द्वारा भारत में कृषि पारिस्थितिकी परिवर्तन प्रक्रिया का समर्थन करते हुए जर्मनी इस लाईटहाउस पहल के लिए समन्वित सहायता प्रदान करेगा।
कृषि पारिस्थितिकी के परिवर्तनशील एजेंडा के लिए दोनों देशों ने मूल्यवर्धित प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक हस्तांतरण की सुविधा को बढ़ाने के साथ भारत, जर्मनी व अन्य देशों के अभ्यासकतार्ओं के साथ अत्याधुनिक ज्ञान विकसित तथा साझा करने के लिए वित्तीय सहयोग द्वारा समर्थित संयुक्त अनुसंधान केंद्र की स्थापना की परिकल्पना की गई है। कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण करने के लिए संबंधित मंत्रालयों यानी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा मात्सियकी, पशुपालन तथा डेयरी मंत्रालय और नीति आयोग के साथ एक कार्यकारी समूह गठित किया जाएगा।
(आईएएनएस)
Created On :   2 May 2022 11:30 PM IST