भारी विरोध के बीच सरकार ने कहा, CAA पर सुझाव स्वीकार करने के लिए तैयार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों से सुझाव मांगे हैं। गृह मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। इससे पहले गुरुवार को, सरकार ने प्रदर्शनकारियों को सही जानकारी देने के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और संशोधित नागरिकता अधिनियम से संबंधित 13 FAQ की सूची जारी की थी।
एक उच्च अधिकारी ने कहा, सरकार इस मामले पर सुझाव स्वीकार करने के लिए तैयार है। जिन लोगों को नागरिकता संशोधन अधिनियम पर आपत्ति है, वे अपने सुझाव MHA को दे सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि लोगों के सुझावों को शामिल किया जाएगा क्योंकि नियमों को अभी तक तैयार नहीं किया गया है। अधिकारी ने कहा, "हम विभिन्न तरीकों से सीएए के बारे में लोगों के संदेह को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।"
अधिकारी ने कहा कि 1987 से पहले भारत में पैदा हुए या जिनके माता-पिता 1987 से पहले पैदा हुए थे, वे भारतीय नागरिक हैं और उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम और पूरे देश में लागू होने वाले नेशनल रिजस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) के कारण चिंता करने की जरूरत नहीं है। अधिकारी ने कहा, "नागरिकता कानून में 2004 में किए गए संशोधनों के मुताबिक, असम को छोड़कर शेष देश में अगर किसी के माता-पिता में कोई भी एक भारत का नागरिक है और अवैध अप्रवासी नहीं है तो ऐसे बच्चों को भारतीय नागरिक माना जाएगा।"
बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक प्रदर्शनकारी कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को कई वाहनों में आगजनी और तोड़फोड़ की। पुलिस थाने और चौकी को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिसकर्मियों को पीटा गया। लखनऊ में एक और मंगलौर में दो की मौत हो गई।
Created On :   20 Dec 2019 1:14 PM GMT