तूफान फोनी ने दी दस्तक, भुवनेश्वर-कोलकाता से फ्लाइट्स कैंसिल
डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। चक्रवाती तूफान फानी के शुक्रवार को दोपहर 12-2 बजे के बीच ओडिशा के पूर्वी तट से टकराने की आशंका है। "फोनी" के मद्देनजर तूफान की चपेट में आने वाले गांव और शहरों से लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। कई लोग जिन्हें आशंका है कि उनका सामान चोरी हो सकता है वह अपने घरों को छोड़ने को तैयार नहीं है। ऐसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए प्रशासन शुक्रवार सुबह फिर कोशिश करेगा। तूफान के कारण कोलकाता एयरपोर्ट 3 मई को रात 9.30 बजे से 4 मई की शाम 6 बजे तक बंद रहेगा। वहीं भुवनेश्वर एयरपोर्ट से अगले 24 घंटे के लिए आज आधी रात से कोई उड़ान नहीं भरी जाएगी।
एयरलाइन कंपनी गोएयर ने कहा कि उसने भुवनेश्वर एयरपोर्ट (BBI) पर आने और जाने वाली अपनी सभी फ्लाइट्स को 3 मई, 2019 तक सस्पेंड कर दिया है। विस्तारा और इंडिगो एयरलाइंस ने भी खराब मौसम का हवाला देते हुए भुवनेश्वर अपनी सेवाओं को सस्पेंड किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात फानी के शुक्रवार को दोपहर 12-2 बजे के बीच ओडिशा के पूर्वी तट से टकराने की आशंका है।
प्रीमियम कैरियर विस्तारा ने ट्वीट कर कहा कि "चक्रवाती तूफान "फानी" जिसका प्रभाव 2 और 3 मई 2019 को भुवनेश्वर और कोलकाता पर पड़ेगा, हम 2 मई से 5 मई के ट्रैवल पीरियड के लिए बुक कराई गई टिकटों को कैंसिल करने पर लगने वाले शुल्क को माफ कर रहे हैं। इसके अलवा जो लोग अपनी फ्लाइट को रिशेड्यूल करना चाहते हैं उन्हें जो भी फेयर डिफरेंस होगा उसका भुगतान करना होगा।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने सभी एयरलाइनों से चक्रवात फानी के मद्देनजर बचाव और राहत कार्यों के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है। सुरेश प्रभु ने कहा, "सभी एयरलाइनों से अनुरोध है कि वे साइक्लोनिक स्टॉर्म फानी के मद्देनजर बचाव और राहत कार्यों के लिए सभी सहायता प्रदान करें। सभी राहत सामग्री को आधिकारिक रूप से नामित एजेंसियों को एयरलिफ्ट कर दिया जाए। नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए भारतीय रेलवे ने भी लगभग 103 ट्रेनों को रद्द कर दिया है और पिछले दो दिनों में चार को डायवर्ट किया है क्योंकि "बेहद गंभीर" चक्रवात पूर्वी तट से टकराने वाला है। रेलवे ने ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से फंसे हुए यात्रियों के लिए तीन विशेष ट्रेनें चलाई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विनाशकारी तूफान से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गृह सचिव, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में, पीएम को चक्रवात के मार्ग और इससे निपटने के प्रारंभिक उपायों के बारे में बताया गया।
इस बीच, ओडिशा के पुरी और आसपास के क्षेत्र के सभी पर्यटकों को शहर को खाली करने की सलाह दी गई है, क्योंकि चक्रवात फानी के 3 मई को 170-180 किमी प्रति घंटे की गति से तट से टकराने की उम्मीद है। प्रचंड तूफान का रुप ले चुका चक्रवात फानी लगभग 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ ओडिशा में तटीय इलाकों पर अपनी दस्तक देगा। फानी के शुक्रवार सुबह 10 से 11 बजे ओडिशा तट से टकराएगा।
तूफान से होने वाले खतरे के मद्देनजर सुरक्षाबलों को हाईअलर्ट पर रखा गया है। तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश ने तूफान के कल तक पुरी पहुंचने के संकेत दे दिए हैं। मौसम विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा कि फिलहाल चक्रवात "फानी" पुरी (ओडिशा) के 760 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश) के 560 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व तथा त्रिणकोमली के 660 किलोमीटर उत्तर-उत्तरपूर्व (श्रीलंका) में है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि ओडिशा में अनुमानित 10,000 गांव और 52 शहर "बेहद गंभीर" चक्रवाती तूफान "फानी" की चपेट में आएंगे। ओडिशा में कुल 11.5 लाख लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया जा रहा है। उनमें से लगभग 3.3 लाख लोग पहले ही शिफ्ट किए जा चुके हैं। ओडिशा सरकार ने लगभग 900 साइक्लोन शेल्टर बनाए हैं जिसमें इन्हें शिफ्ट किया जा रहा है।
ओडिशा के तटीय जिलों गंजम, गजपति, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर में तूफान का असर पड़ने की संभावना है। पश्चिम बंगाल में यह कोलकाता शहर के अलावा पूर्वी और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, झारग्राम जिलों को प्रभावित करेगा। आंध्र प्रदेश में, चक्रवात श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों को प्रभावित कर सकता है।
सीएम नवीन पटनायक ने तैयारियों की समीक्षा करने के लिए स्पेशल रिलीफ ऑर्गेनाइजेशन ऑफिस का दौरा किया, और लोगों से साइक्लोन फानी के गुजरने तक घर के अंदर रहने और सभी अधिकारियों को चक्रवात का सामना करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने की सलाह दी।
कैसे पड़ा तूफान का नाम "फानी"
बता दें कि बांग्लादेश के सुझाव पर तूफान का नाम फानी रखा गया है। दरअसल, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाइलैंड जैसे 8 देशों ने तूफानों को नाम देने का फॉर्मूला तैयार किया है। इन 8 देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसी क्रम के अनुसार चक्रवातों के नाम रखे जाते हैं। इसमें भारत ने "अग्नि", "बिजली", "मेघ", "सागर" और "आकाश" जैसे नाम दिए हैं। वहीं, पाकिस्तान ने "निलोफर", "बुलबुल" और "तितली" जैसे नाम दिए।
Created On :   2 May 2019 8:33 PM IST