मिनी सचिवालय के पास किसानों ने तोड़े बैरिकेड, पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया
- राकेश टिकैत को हिरासत में लेकर रिहा किया
- सचिवालय घेरने पहुंचे किसानों पर पुलिस ने वॉटर कैनन चलाई
- हरियाणा में किसानों का प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, करनाल। राज्य सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद मंगलवार को हजारों किसानों ने हरियाणा के करनाल में अनाज मंडी से मिनी सेक्रेटेरिएट की ओर मार्च करना शुरू किया। इस दौरान रास्ते में पुलिस की तैनाती के बीच प्रदर्शनकारी किसानों को बैरिकेड्स पर से कूदते देखा गया। जैसे ही किसानों ने सेक्रेटेरिएट ऑफिस में जबरन घुसने की कोशिश की, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। पुलिस ने राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव समेत कुछ किसान नेताओं को हिरासत में लिया। हालांकि, थोड़ी देर बाद इन्हें छोड़ दिया गया।
किसानों की क्या है मांग?
किसान यूनियनों ने 28 अगस्त को करनाल में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लाठीचार्ज को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि अगर कार्रवाई नहीं की जाती है तो 7 सितंबर को करनाल मिनी मिनी सेक्रेटेरिएट की घेराबंदी की जाएगी। इन मांगों को लेकर सोमवार दोपहर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेताओं और करनाल के प्रशासनिक अफसरों के बीच मिनी सेक्रेटेरिएट में बैठक हुई थी, जो बेनतीजा रही। एक घंटे चली इस बैठक में जिला प्रशासन की ओर से डीसी निशांत कुमार यादव, एसपी गंगाराम पुनिया और किसानों की ओर से भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी, जिला प्रधान जगदीप औलख समेत 6 सदस्य शामिल हुए।
हरियाणा सरकार किसानों की मांगों से सहमत नहीं
किसानों की मांगे जब पूरी नहीं हुई तो ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल सवार किसान मंगलवार सुबह नई अनाज मंडी में महापंचायत के लिए पहुंचे। जब वे वहां एकत्र हुए, तो स्थानीय प्रशासन ने एक बार फिर 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया। करीब तीन घंटे बाद किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहन ने कहा, "प्रशासन के साथ हमारी बातचीत विफल रही। वे हमारी मांगों पर सहमत नहीं है।" इसके बाद किसानों ने मिनी सेक्रेटेरिएट की तरफ मार्च शुरू किया। नागुरान गांव में जींद कैथल चंडीगढ़ हाईवे को जाम कर दिया। किसानों के सड़क पर बैठने की वजह से अलेवा गांव के जींद-करनाल हाईवे पर भी जाम लग गया।
इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद
किसानों को मिनी सेक्रेटेरिएट तक पहुंचने से रोकने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स समेत सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां तैनात की गई थी। 18 जगहों पर नाके लगाए गए थे। जीटी रोड और शहर से सचिवालय तक पहुंचने वाले रास्तों को ब्लॉक किया गया था। प्रदर्शन के मद्देनजर इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद कर दी गई हैं। गृह सचिव-1 डॉ. बलकार सिंह के आदेश के अनुसार, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और जींद में सोमवार रात 12 बजे से मंगलवार रात 11:59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रहेगी।
क्या हुआ था 28 अगस्त को?
28 अगस्त को बसताड़ा टोल प्लाजा पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया था। इस लाठीचार्ज में कई किसान घायल हो गए थे। आरोप है कि पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए करनाल के रायपुर जाटान गांव के किसान सुशील काजल ने अगले दिन दम तोड़ दिया था। 30 अगस्त को भाकियू ने घरौंडा अनाज मंडी में महापंचायत करके हरियाणा सरकार से तीन मांगें की थी। इनमें मृतक किसान सुशील काजल के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा व एक मेंबर को सरकारी नौकरी देना, घायल किसानों को 2-2 लाख रुपए मुआवजा और लाठीचार्ज के आदेश देने वाले SDM, DSP व दूसरे पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग शामिल थी।
आज के प्रदर्शन के वीडियो:
#WATCH Protesting farmers gherao Mini Secretariat in Karnal, after concluding Kisan Mahapanchayat at Anaj Mandi . #Haryana pic.twitter.com/qxMxm3v6LB
— ANI (@ANI) September 7, 2021
#WATCH | Protesting farmers hop over barricades amid police deployment on their way to Mini Secretariat in Karnal, Haryana pic.twitter.com/Go8kk1UVmx
— ANI (@ANI) September 7, 2021
#WATCH | Following Kisan Mahapanchayat at Anaj Mandi, protesting farmers now head to Mini Secretariat in Karnal, Haryana. pic.twitter.com/6CQaKSQ7hZ
— ANI (@ANI) September 7, 2021
Created On :   7 Sept 2021 7:34 PM IST