घी मिलावट घोटाले में किसान निकायों ने राज्य सरकार से सीबीआई जांच करने की मांग की
डिजिटल डेस्क, मैसूर। केआरएसएस और हसीरू सेने के सदस्यों ने गुरुवार को मैसूरु के उपायुक्त कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें राज्य सरकार से कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के उत्पाद नंदिनी घी में मिलावट के आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश देने का आग्रह किया गया। केआरआरएस और हसीरू सेने प्रमुख संगठन हैं जो कर्नाटक में किसानों के मुद्दों को उठाते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार से मैसूर, बेंगलुरु और कई अन्य जिलों में नकली नंदिनी घी निर्माण इकाइयों का पता लगाने के संबंध में विस्तृत जांच करने को कहा। पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रण विभाग ने हाल ही में इस रैकेट का भंडाफोड़ किया था।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि केएमएफ के अंदरूनी सूत्र दुग्ध संघ के अधिकारियों के साथ रैकेट करने वालों में शामिल हैं। प्रदर्शनकारी चाहते थे कि सरकार आरोपों की सीबीआई जांच कराकर तेजी से कार्रवाई करे। राज्य भर में दुग्ध संघों जैसी लाभ कमाने वाली सहकारी संस्था की रक्षा के लिए इस तरह के उपाय जरूरी हैं और दूध उत्पादकों का विश्वास फिर से हासिल करना भी जरूरी है। सरकार को पता होना चाहिए कि लाखों किसान परिवार केएमएफ को दूध बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि मैसूर मिल्क यूनियन लिमिटेड के अधिकारी जनवरी 2023 से दूध डेयरी या दूध खरीद केंद्रों से कच्चे दूध की बिक्री पर प्रतिबंध के अपने आदेश को वापस ले, क्योंकि यह जिले भर में प्राथमिक दूध उत्पादक सहकारी समिति के हित के लिए हानिकारक है। उन्होंने चुप्पी साधे रहने और नंदिनी घी में मिलावट को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं करने पर अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इस रैकेट में शामिल अंदरूनी सूत्रों और दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने और उन्हें दंडित करने की मांग की है।
(आईएएनएस)
Created On :   31 Dec 2021 4:00 AM GMT