विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा- भारत तालिबान की नई सरकार को सिर्फ एक 'डिस्पेंसेशन' मानता है
- अफगानिस्तान की धरती को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल ना किया जाए - एस. जयशंकर
- तालिबानी सरकार सिर्फ एक व्यवस्था है - एस. जयशंकर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को मानने से इंकार कर दिया है। शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कर दिया कि वो तालिबान की नई सरकार को एक डिस्पेंसेशन यानी व्यवस्था से ज्यादा कुछ नहीं मानते हैं। ये बात विदेश मंत्री ने आज यानी शनिवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहली टू प्लस टू मीटिंग के बाद कही। दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने एक साथ चर्चा की। दोनों देशों के बीच ये पहली टू प्लस टू मीटिंग थी। विदेश मंत्री ने कहा कि हम अफगानिस्तान की नई सरकार में सभी वर्गों के शामिल ना होने से चिंतिंत है। इसके अलावा भारत को अफगानिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के हालात को लेकर खासी चिंता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ तौर से कहा कि भारत चाहता है कि अफगानिस्तान की धरती को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल ना किया जाए। इसको लेकर भारत ने ऑस्ट्रेलिया से संयुक्त राष्ट्र के 2593 विधेयक को लागू करने को लेकर चर्चा की है। इस विधेयक के तहत किसी भी देश को आतंकवाद को बढ़ावा देने से रोकने पर जो दिया जाता है। शनिवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई टू प्लस टू मीटिंग के बाद विदेश मंत्री मीडिया को संबोधित कर रहे थे। इस मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेरी पायने और रक्षा मंत्री पीटर ड्यूटन भी मौजूद थे।
जयशंकर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के साथ टू प्लस टू मीटिंग में अफगानिस्तान में डिंस्पेनशेसन (व्यवस्था) के इनक्लुसिवनेस यानि समावेशीकरण और महिलाओ-अल्पसंख्यकों के हालात पर चर्चा हुई। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेरी पायने ने भी दोहराया कि अफगानिस्तान की धरती को आतंकियों की पैदावर के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। अफगानिस्तान में मानवधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। अफगानिस्तान में मानवीय सहायता को लेकर उन्होनें टू प्लस टू मीटिंग में भारत से चर्चा की है।
Created On :   11 Sept 2021 10:01 PM IST