विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ठ किया कि रूस और यूक्रेन जंग पर भारत क्या चाहता है, अफगानिस्तान के हालात और चीन की चाल पर उठाए सवाल
- एक दशक से अधिक समय से एशिया में नियम-आधारित व्यवस्था तनाव में है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग पर भारत का नाम लिए जाने को लेकर विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने यूरोपीय देशों को एक बार फिर खरी-खरी सुनाई है । विदेश मंत्री ने रायसीना डायलॉग कार्यक्रम में अपनी बात रखी कि रूस और यूक्रेन को बीच चल रही जंग को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम इस कूटनीति के जरिए बातचीत पर जोर देते है और जल्द ही इस लड़ाई की समाप्ति भी चाहते हैं। क्योंकि हम हमेशा क्षेत्रीय अखंडता और देशों की संप्रभुता का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर देते हैं।
भारत से ज्यादा यूरोपीय देश रूस के संंपर्क में
विदेश मंत्री ने एस जयशंकर ने नॉर्वे की विदेश मंत्री एनिकेन हुइटफेल्ड के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि रूस हमसे जितना संपर्क में है उससे अधिक यूरोपीय देशों से संपर्क में है। उन्होंने आगे अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि जहां तक लोकतांत्रिक दुहाई की बात है तो पिछले साल अफगानिस्तान में जो हुआ उसको सभी लोकतांत्रिक देश देखते रहे। उन्होंने अपनी बात में कहा किहमारे लिए चुनौतियां हिंद प्रशांत क्षेत्र में है, उस पर कोई लोकतांत्रिक देश कहां एक्शन लेते हैं?
चीन पर उठाए सवाल
एस जयशंकर ने चीन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि एशिया के कुछ हिस्से भी ऐसे है जहां पर अभी भी सीमांए तय नहीं हुई है और देश द्वारा आतंकवाद को प्रयोजित किया जाता है। एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया को यह समझना जरूरी है कि एक दशक से अधिक समय से एशिया में नियम-आधारित व्यवस्था तनाव में है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि जब एशिया में नियम-आधारित व्यवस्था को चुनौती दी जा रही थी, तो हमें यूरोपीय देशों से सलाह मिली कि अधिक व्यापार करो। हम आपको वह सलाह तो नहीं दे रहे। उन्होंने कहा कि हमें संवाद और कूटनीति पर लौटने का रास्ता खोजना चाहिए। अफगानिस्तान की बात करते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को देखिए और कृपया मुझे बताइए कि कौन सी न्यायोचित नियम आधारित व्यवस्था दुनिया के देशों की तरफ से अपनाई गई।
Created On :   26 April 2022 5:41 PM IST