त्रिपुरा में बदलाव के मूड में जनता, बीजेपी जरूर जीतेगी : अमित शाह
डिजिटल डेस्क, अगरतला। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को त्रिपुरा असेंबली इलेक्शन के लिए अगरतला में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने त्रिपुरा में अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि यहां की जनता बदलाव के लिए तैयार है और राज्य में अब बीजेपी की सरकार बनेगी। इसके साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री माणिक सरकार पर हमला करते हुए शाह ने कहा कि हिंसा और वामपंथी दलों का हमेशा साथ रहा है। बता दें कि त्रिपुरा में 18 फरवरी को वोटिंग होनी है।
जनता बदलाव के मूड में, बीजेपी आएगी
अगरतला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि "राज्य में जनता बदलाव का मूड बना चुकी है और अब यहां बीजेपी की सरकार आएगी। हम पूर्वोत्तर में सबका साथ-सबका विकास के नारे के साथ लगातार आगे बढ़ रहे हैं।" शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि "कांग्रेस पार्टी हमेशा वोट कटवा की भूमिका में रही है और सीपीएम को जिताने में कांग्रेस की साजिश रही है।" बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा कि "राज्य के हालात बद से बदतर हो गए हैं। यहां बीजेपी की सरकार बनेगी तो हम दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लॉ एंड ऑर्डर कायम करेंगे।"
त्रिपुरा में हिंसा और वामपंथी दल साथ-साथ
इसके आगे अमित शाह ने माणिक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "हमारे एक बूथ वर्कर को अगवा कर लिया गया। 2 दिन तक उसकी कोई जानकारी नहीं मिली। जब हमारे कार्यकर्ताओं ने डीजीपी पर प्रेशर बनाया, तो पता चला कि उसकी हत्या कर पेड़ पर लटका दिया गया है। ये सीपीएम के लोगों ने किया था। त्रिपुरा के अफसर सीपीएम के दबाव में काम कर रहे हैं। हिंसा और वामपंथी दलों का हमेशा से साथ रहा है।" बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि "हिंसा और वाम दल का चोली दामन का नाता रहा है। देश भर में जहां-जहां वाम दल कि सरकार है वहां-वहां हिंसा बढ़ी है। हम इससे नहीं डरते हैं, त्रिपुरा की जनता हमारे साथ है और त्रिपुरा में निश्चित तौर पर बदलाव होने जा रहा है।" शाह ने ये भी कहा कि "हमारी सरकार ने जितने आतंकियों को मार गिराया, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ।"
बेटियों की पढ़ाई का खर्चा हमारी सरकार देगी
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि लड़कियों की नर्सरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई का खर्चा हमारी सरकार उठाएगी। शाह ने कहा कि "मार्क्सवादी सरकार ने 25 साल में कोई विकास नहीं किया। बस हिंसा फैलाने का काम किया है, माताओं और बहनों पर अत्याचार कराने का काम किया है। प्रति दिन 5 महिलाओं पर अत्याचार होते हैं। पूरे देश में सबसे ज्यादा अत्याचार महिलाओं पर त्रिपुरा में होते हैं।" हालांकि अमित शाह से जब आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है।
सीपीएम की सरकार में 7 लाख से ज्यादा बेरोजगार
अमित शाह ने कहा कि "जब त्रिपुरा में सीपीएम की सरकार बनी थी, तब 25 हजार बेरोजगार रजिस्टर्ड थे और आजज 25 साल बाद 7 लाख से ज्यादा बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं। इतने छोटे से राज्य में जिस तरह से बेरोजगारों की संख्या बढ़ी है, उसका जवाब माणिक सरकार के पास नहीं है।" शाह ने आगे कहा कि "13वें वित्त आयोग में त्रिपुरा को 7283 करोड़ मिला था, लेकिन 14वें वित्त आयोग में मोदी जी ने त्रिपुर को 25,396 करोड़ रुपए दिए। त्रिपुरा की जनता के लिए करीब 18 हजार करोड़ रुपए ज्यादा देने का प्रावधान हमारी सरकार ने दिया है।" शाह ने ये भी कहा कि हमारी सरकार में युवाओं को स्मार्टफोन दिया जाएगा और हमने तय किया है कि यहां की जनता को पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था की जाएगी।
त्रिपुरा में 1998 से माणिक सरकार
त्रिपुरा में 60 विधानसभा सीटें हैं और यहां का कार्यकाल 13 मार्च को खत्म हो रहा है। त्रिपुरा में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है और माणिक सरकार 1998 से यहां के मुख्यमंत्री हैं। पिछले चुनावों में CPI(M) ने 60 में से 51 सीटें जीती थी और कांग्रेस सिर्फ 9 सीटों पर ही कब्जा कर पाई थी। जबकि बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था।
1978 में लेफ्ट की सबसे बड़ी जीत
1978 में लेफ्ट पार्टी ने सबसे बेहतरीन जीत हासिल की थी और राज्य की 60 में से 56 सीटों पर जीत हासिल की थी। 1978 के जैसा करिश्मा लेफ्ट पार्टी दोबारा कभी नहीं कर सकी। हालांकि इसके बाद 1988-93 के दौरान लेफ्ट सत्ता से दूर रही। इसके बाद 1993 से लेफ्ट की ही राज्य में सरकार है। माणिक सरकार ने 2013 के विधानसभा चुनावों में 2008 के मुकाबले एक सीट ज्यादा जीतते हुए 50 का आंकड़ा छुआ था।
त्रिपुरा में कब है वोटिंग?
त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों के लिए 18 फरवरी को वोटिंग होनी है, जबकि इसके नतीजे 3 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
इस साल 8 राज्यों में होने हैं चुनाव
बीते साल 7 राज्यों में चुनाव हुए और 6 राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी। अब साल 2018 में 8 राज्यों में चुनाव होने हैं। इनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में नवंबर-दिसंबर में चुनाव है और इन तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है। जबकि त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में फरवरी में चुनाव हैं और 3 मार्च क नतीजे घोषित हो जाएंगे। इसके साथ ही इसी साल कर्नाटक में भी चुनाव होने हैं, जहां कांग्रेस की सरकार है। मिजोरम में भी इस साल चुनाव होने हैं।
Created On :   12 Feb 2018 11:59 AM IST