कोविन ऐप में मानवीय त्रुटि को तकनीकी गड़बड़ी कहना निराशाजनक
- कोविन ऐप में मानवीय त्रुटि को तकनीकी गड़बड़ी कहना निराशाजनक: स्वास्थ्य मंत्रालय
डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कोविन ऐप जैसी जनोपयोगी डिजिटल व्यवस्था को दिन-रात जनता की सेवा में बनाये रखने वाली टीम की क्षमता को बदनाम करने के लिये एक मानवीय त्रुटि को तकनीकी गड़बड़ी के रूप में वर्णित करना निराशाजनक है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविन ऐप में तकनीकी गड़बड़ी के संदर्भ में मीडिया में आई रिपोर्टों को खारिज करते हुये कहा कि कोविन एक बहुमुखी प्लेटफार्म है जिसने रिकॉर्ड गति से देश की पूरी आबादी के लिये अपना विस्तार किया है।
मंत्रालय ने कहा कि मीडिया की कुछ खबरों में यह आरोप लगाया गया है कि कोविन में तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से पुणे जिले में 2.5 लाख लाभार्थियों को कोविड के टीके की पहली खुराक लेने पर दो प्रमाण - पत्र जारी किये गये हैं।
मंत्रालय ने कहा कि कोविन ने देश के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के डिजिटल आधारस्तंभ के रूप में सफलतापूर्वक कार्य किया है। इसमें समस्या बतायें की सुविधा के साथ एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली भी उपलब्ध है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह प्लेटफार्म बेहद सरल और उपयोग करने में आसान है। इस प्लेटफार्म पर पंजीकरण के लिये लाभार्थी को तीन विकल्प - वॉक-इन (ऑफलाइन), ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन एवं सीएससी (सामान्य सेवा केंद्र) के माध्यम से सहायता - प्रदान किये जाते हैं।
एक व्यक्ति को पंजीकरण के लिए सिर्फ अपना मोबाइल नंबर देने के साथ टीकाकरण के लिये अपॉइंटमेंट निर्धारित करने या टीकाकरण केन्द्र पर पहुंचने के बाद टीका लेने के लिये नाम, आयु (जन्म का वर्ष) और लिंग संबंधी न्यूनतम जानकारी मुहैया कराने की जरूरत होती है। पहचान संबंधी प्रमाण के तौर पर नौ फोटोयुक्त पहचान पत्रों में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि हालांकि, यह ध्यान रखा जाना चाहिये एक लाभार्थी को टीकाकरण की पहली खुराक के समय उपयोग किये गये मोबाइल नंबर के साथ ही उसी टीके की दूसरी खुराक निर्धारित करने या लेने की जरूरत होती है।
एक ही लाभार्थी को दी गई पहली और दूसरी खुराक के विवरण को दर्ज करने की यही एकमात्र विधि है। यदि कोई लाभार्थी दूसरी खुराक के लिये एक अलग मोबाइल नंबर का उपयोग करता है और टीकाकरण का समय निर्धारित करता है, तो यह स्वत: ही उस लाभार्थी के लिये पहली खुराक के रूप में दर्ज किया जायेगा।
इसके अलावा, दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों पर एक ही पहचान प्रमाण का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
यह धारणा बेमानी है कि इस प्रणाली को दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों और फोटो पहचान पत्रों के साथ पंजीकृत किसी लाभार्थी के दो प्रथम खुराक के प्रमाणपत्रों को अवश्य स्वीकृत करना चाहिये।
मंत्रालय ने कहा कि एक अरब से अधिक आबादी वाले इस देश में एक ही नाम, आयु और लिंग के सैकड़ों-हजारों व्यक्ति हो सकते हैं। यदि ऐसी सेवा प्रदान की जाती तो असमंजस की स्थिति हो जाती।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इसी कारण डाटा-एंट्री से संबंधित मानवीय त्रुटि को तकनीकी गड़बड़ी कहना एक निराधार तर्क है।
ऐसी स्थिति हो सकती है जिसमें किसी लाभार्थी को अपने पति या माता-पिता के साथ दूसरे व्यक्ति के मोबाइल नंबर और उनके ड्राइविंग लाइसेंस के तहत टीकाकरण की पहली खुराक मिल गई हो।
उसी लाभार्थी ने बाद में अपने पैन कार्ड के साथ अपने मोबाइल नंबर के तहत व्यक्तिगत रूप से अपनी दूसरी खुराक ली हो। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उस लाभार्थी के पास प्रथम खुराक के दो अलग-अलग प्रमाण पत्र होंगे, क्योंकि यह प्रणाली तक उसे दो अलग-अलग व्यक्ति के रूप में पहचानेगी।
कोविन प्रणाली ऐसी संभावनाओं से अनजान नहीं है और उसमें शिकायत निवारण की एक मजबूत व्यवस्था उपलब्ध है।
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Created On :   9 May 2022 11:00 PM IST