COVID19: भारत में 21 से 40 साल बीच के लोगों में कोरोना के संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा

COVID19: भारत में 21 से 40 साल बीच के लोगों में कोरोना के संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में पिछले 24 घंटों के अंदर COVID19 के 525 नए केस मिले हैं। इसके साथ ही भारत में अब कोरोना वायरस से पॉजिटिव मामलों की संख्या 3072 हो गई है। इसमें से 213 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जबकि 2784 लोग अब भी अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। देश कोरोना वायरस के कारण 75 लोगों ने अपनी जान गवाई है। 

शनिवार को मीडियाकर्मियों से चर्चा के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में 30% मामले तब्लीगी जमात के मरकज से लौटे लोगों के कारण फैले हैं। देश अब तक जितने केस सामने आए हैं उनमें युवाओं में सबसे ज्यादा संकमण देखा गया है। सचिव ने बताया कि देश में अब तक मिले संक्रमितों में 42% की उम्र 21 से 40 साल के बीच की है, जबकि 33% मरीज 41 से 60 उम्र के बीच के मिले। वहीं 60 साल से ऊपर के 17% मरीज हैं। 0 से 20 साल के बीच सिर्फ 9% मामले देखे गए हैं। वहीं गृह मंत्रालय से संयुक्त सचिव, पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि लगभग 22,000 तबलीगी जमात के कार्यकर्ताओं और उनके संपर्कों को बड़े पैमाने पर प्रयास से क्वारंटाइन में रखा गया है।

17 राज्यों में मिले तब्लीगी जमात के संक्रमित लोग
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि दिल्ली के निजामुद्दीन में इकट्ठा हुए तब्लीगी जमात के लोग 17 राज्यों से मिले हैं। इन राज्यों में अब तक कुल 1023 तब्लीगी जमात के लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। ये लोग तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, अंडमान निकोबार, उत्तराखंड, केरल, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों से हैं। इनके संपर्क में आए 22 हजार लोग क्वारैंटाइन हैं। अग्रवाल ने कहा कि हम इसमें शामिल सभी लोगों की तलाश कर रहे हैं। हमारी लड़ाई जारी है। अगर हम एक भी व्यक्ति को ढूंढ नहीं पाते हैं तो हमारे साथ पूरे देश की मुश्किलें बढेंगी। हम लोगों से अपील करते हैं कि वे हमारा साथ दें। 

घर से निकलने वालों को मास्क लगाना जरूरी
सचिव अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के 11वें दिन शनिवार को एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से कपड़े से घर में बनाए हुए फेस कवर (मास्क) पहनने को कहा है। एजवाइजरी के मुताबिक, घर में बने मास्क पहनने से बड़े पैमाने पर लोगों को संक्रमण से बचाया जा सकेगा। घर से निकलते वक्त लोग कपड़े से घर में बने मास्क जरूर पहनें। कुछ देशों में इस तरह के मास्क इस्तेमाल से फायदा भी मिला है। जरूरी नहीं है कि सभी लोग मेडिकल कर्मचारियों और डॉक्टरों के लिए उपयोग किए जाने वाले एन-93 मास्क का ही प्रयोग करें। 

सरकार ने कहा- हमारे पास एक सप्ताह में 70 हजार टेस्टिंग की क्षमता
अग्रवाल ने बताया कि कुछ जिलों में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस संख्या को कम के लिए सरकार विस्तृत प्लान बना रही है। संक्रमण से जुड़े तकनीकी जानकारी के लिए 30 से ज्यादा मॉड्यूल बनाया गया है। इसे मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। सभी राज्यों के डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स को इसके जरिए ट्रेनिंग दी गई। वहीं आईसीएमआर के अधिकारी ने बताया कि अब सरकार का टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने पर फोकस है। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह में 70 हजार टेस्टिंग करने की क्षमता अब हमारे पास है। हम लोग धीरे-धीरे टेस्टिंग की क्षमता बढ़ा रहे हैं।

राज्यों को आपदा फंड की पहली किश्त 11 हजार 92 करोड़ रुपए जारी
गृह मंत्रालय ने बताया कि पूरे देश में लॉकडाउन सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक चल रहा है। इस दौरान जरूरी सामान की कमी न हो, इसके लिए सप्लाई बढ़ाई गई है। इसके अलावा केंद्र की ओर से राज्यों को आपदा फंड की पहली किश्त 11 हजार 92 करोड़ जारी की जा चुकी है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्य इसे अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, लॉकडाउन के कारण जगह-जगह फंसे मजदूरों की परेशानियां दूर करने के लिए मंत्रालय ने कंट्रोल रूम बनाया गया, जिसमें 200 कर्मचारी लगे हुए हैं।

Created On :   4 April 2020 9:54 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story