कांग्रेस ने सरकार से कहा, अग्निपथ योजना स्थगित रखी जानी चाहिए

Congress told the government, Agneepath scheme should be postponed
कांग्रेस ने सरकार से कहा, अग्निपथ योजना स्थगित रखी जानी चाहिए
अग्निपथ कांग्रेस ने सरकार से कहा, अग्निपथ योजना स्थगित रखी जानी चाहिए
हाईलाइट
  • बेहतर प्रशिक्षित और देश की रक्षा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा बलों के लिए नई भर्ती योजना अग्निपथ को लेकर विभिन्न राज्यों में विरोध के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को सरकार से इसे स्थगित रखने की मांग की।

पार्टी ने कहा कि यह योजना विवादास्पद है, इसमें कई जोखिम हैं, सशस्त्र बलों की लंबे समय से चली आ रही परंपराओं और लोकाचार को नष्ट कर दिया है और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इस योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिक बेहतर प्रशिक्षित और देश की रक्षा के लिए प्रेरित होंगे।

पी. चिदंबरम और सचिन पायलट ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सेवानिवृत्त रक्षा अधिकारियों ने इस योजना का विरोध किया है और मानते हैं कि कई सेवारत अधिकारी इसके बारे में समान आरक्षण साझा करते हैं।

कांग्रेस ने कहा, हमारी सीमाओं पर स्थिति को देखते हुए यह जरूरी है कि हमारे रक्षा बलों में ऐसे सैनिक हों जो युवा, प्रशिक्षित, प्रेरित, खुश, संतुष्ट और अपने भविष्य के प्रति आश्वस्त हों। अग्निपथ योजना इन उद्देश्यों को आगे नहीं बढ़ाती है। पार्टी ने कहा, जल्दबाजी में तैयार की गई योजना के परिणामों से देश को आगाह करना हमारा कर्तव्य है।

कांग्रेस ने एक बयान में कहा, हम सरकार से अग्निपथ योजना को स्थगित रखने, सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करने और गुणवत्ता, दक्षता और मितव्ययिता के मुद्दों को तीन बातों में से किसी से समझौता किए बिना हल करने का आग्रह करेंगे।

पार्टी ने कहा कि उसकी चिंता यह है कि अग्निपथ के सिपाही को छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद वह और 42 महीने सेवा करेगा, तब 75 प्रतिशत रंगरूटों की छुट्टी कर दी जाएगी।

बयान में आगे कहा गया है, हमें ऐसा लगता है कि यह योजना प्रशिक्षण का मजाक उड़ाने वाली है। इससे रक्षा बलों में कम प्रशिक्षित और गलत इरादे वाले सैनिक भी शामिल हो जाएंगे। उनकी चार साल में ही छुट्टी कर दी जाएगी, वे पूर्व सैनिक कहलाएंगे। इस योजना से समाज में निराशा फैलेगी।

पार्टी ने कहा कि भर्ती की उम्र 17 से 21 साल रखना कई सवाल खड़े करती है। हमारे युवाओं का एक बड़ा हिस्सा रक्षा बलों में सेवा करने से पूरी तरह वंचित हो जाएगा।

चिदंबरम ने कहा, पेंशन बिल पर बचत का घोषित उद्देश्य एक कमजोर तर्क है। दूसरी ओर, प्रशिक्षण की छोटी अवधि (6 महीने) और असामान्य रूप से कम सेवा अवधि (42 महीने) रहने का नकारात्मक परिणाम हो सकता है। हमें डर है कि यह योजना पैसा बचाने और सुरक्षा मूर्खता का मामला बन सकती है।

कई विशेषज्ञों ने रक्षा बलों में अपर्याप्त भर्ती के मुद्दों को हल करने के लिए वैकल्पिक मॉडल का सुझाव दिया है। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि ऐसा कोई संकेत नहीं है कि विकल्पों की जांच की गई।

 

सोर्स- आईएएनएस

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Created On :   16 Jun 2022 7:30 PM IST

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