परेश मेस्ता मामले में सीबीआई ने सौंपी क्लोजर रिपोर्ट, कहा- झील में फिसलने के कारण हुई मौत
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डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के होन्नावरा शहर में सांप्रदायिक झड़पों के दौरान लापता हुए हिंदू युवक परेश मेस्ता की झील में फिसलने से मौत हुई थी। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सीबीआई ने स्थानीय होन्नावर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में कहा गया है कि परेश मेस्ता दोस्तों के साथ करीब 25 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद कुमता शहर में तत्कालीन सीएम सिद्धारमैया के कार्यक्रम में शामिल हुआ था।घर लौटने के बाद, वह फिर से अपने दोस्तों से मिलने निकला और फिर कभी घर नहीं लौटा। सीबीआई ने सबूत के तौर पर उसके दोस्तों के बयान और उस दिन के सीसीटीवी फुटेज कोर्ट को सौंपे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि परेश मेस्ता ने अपने माता-पिता से हिंदू तीर्थस्थल सबरीमाला जाने की अनुमति ली थी।मेस्ता, जो 6 दिसंबर, 2017 को होन्नावर शहर में सांप्रदायिक झड़पों के दौरान लापता हो गया था, दो दिनों के बाद शेट्टीकेरे झील के पास मृत पाया गया।
भाजपा और हिंदू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भीड़ की हिंसा में मेस्ता मारा गया और हत्यारों ने शव को बाद में झील में फेंक दिया।भाजपा, जो उस समय विपक्ष में थी, ने तब कांग्रेस पर शासन करने के खिलाफ एक आंदोलन शुरू किया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में हुए आंदोलन से सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को झटका लगा है।
परेश के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हिंदू कार्यकर्ताओं ने आइजीपी के वाहन में आग लगा दी थी। पुलिस पर पथराव किया गया। कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई राजनीतिक नेताओं ने मेस्ता के घर का दौरा किया था। तब सिद्धारमैया सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया था।
सीबीआई की रिपोर्ट सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक झटका है, जिसने परेश मेस्ता की मौत को आकस्मिक बताया और क्लोजर रिपोर्ट दायर की। सीबीआई ने मामले की पांच साल तक जांच करने के बाद क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। कोर्ट 16 नवंबर को फैसला सुनाएगी।यह घटना सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई थी। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि परेश मेस्ता की मौत आकस्मिक थी और हत्या के कारण नहीं थी। यह रिपोर्ट कर्नाटक भाजपा के मुंह पर एक तमाचा है।
सिद्धारमैया ने कहा था, अगर बीजेपी में कोई शर्म बाकी है, तो उसे अपने बदनाम अभियान के लिए माफी मांगनी चाहिए।कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा ने मृतक के परिवार को समर्थन देने का फैसला किया है।
मृतक युवक के पिता कमलाकर मेस्ता ने अपनी मंशा पहले ही स्पष्ट कर दी थी कि वह परिवार और शुभचिंतकों से चर्चा करेंगे और सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के संबंध में अपना अगला कदम तय करेंगे।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने सभी संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में पूछताछ नहीं की थी। सारे सबूत मिटाने के बाद केस सीबीआई को सौंप दिया गया था।राष्ट्रीय महासचिव और भाजपा विधायक सी.टी. रवि ने कहा था कि अगर वे मामले की फिर से जांच करना चाहते हैं तो पार्टी परेश मेस्ता के परिवार के साथ खड़ी होगी। उन्होंने कहा था, अगर वे अपील के लिए भी जाना चाहते हैं तो हम परेश मेस्ता परिवार के साथ खड़े हैं।
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Created On :   19 Oct 2022 3:01 PM IST