'Bharat bandh' Today: कृषि बिल के खिलाफ देशभर में सड़कों पर उतरेंगे किसान, पंजाब-हरियाणा में 20 ट्रेनें रद्द, परीक्षा भी टली
- एंबुलेंस सेवा
- डॉक्टरों को तैयार रहने के निर्देश
- कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश
- बंद में किसानों पर धारा 144 के तहत केस नहीं दर्ज होंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद में हाल ही में मानसून सत्र के दौरान पास हुए कृषि बिल के विरोध में देशभर में आज किसानों ने बंद का आह्वान किया है। इसके समर्थन में कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दल आ गए हैं। इसके अलावा देश के 31 किसान संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया है। वहीं पंजाब में गुरुवार को ही किसान अमृतसर, फिरोजपुर और नाभा में रेलवे ट्रैक पर डट गए हैं। किसानों के आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने 20 ट्रेनें शनिवार तक रद्द कर दीं हैं। पंजाब और हरियाणा में रेल ट्रैकों की सुरक्षा बढ़ा दी है। वहां सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों के साथ ही सादी वर्दी में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि कृषि बिलों के खिलाफ भारत बंद को उसका पूर्ण समर्थन रहेगा। पंजाब में इस बिल का विरोध काफी पहले से जारी है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के दुकानदारों से अपील की है कि भारत बंद पर वे अपनी दुकानें बंद रखें और किसानों का समर्थन करें। वहीं यहां किसान संघर्ष समिति के सदस्यों ने अमृतसर के जंडियाला के गांव देवीदासपुर के पास अमृतसर-दिल्ली रेल ट्रैक पर लेट गए हैं, जबकि फिरोजपुर छावनी स्टेशन के पास बस्ती टैंकवाली और नाभा स्टेशन पर रेलवे स्टेशन के आसपास टेंट लगाकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। यहां लंगर का भी प्रबंध किया गया है।
पंजाब में 12 ट्रेनें रद्द
किसानों के प्रदर्शन के कारण अमृतसर से चलने वाली 12 गाड़ियां रद्द कर दी गईं और जो अमृतसर पहुंचने वाली ट्रेनों को अंबाला में ही रोक दिया गया। कुछ गाड़ियों के रूट में परिवर्तन कर उन्हें गंतव्य स्टेशन तक पहुंचाया गया। किसानों ने राज्य में कई जगह रोड जाम कर प्रदर्शन किया। इसके अलावा कई अन्य संगठनों के साथ ही कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी ने भी बंद को समर्थन दिया है।
बंद में किसानों पर धारा 144 के तहत केस नहीं दर्ज होंगे
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को कृषि विधेयकों के विरुद्ध शुक्रवार के बंद के दौरान कानून-व्यवस्था को बनाए रखने और कोविड के सुरक्षा उपायों का पालन करने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे विधेयकों के विरुद्ध किसानों के संघर्ष में राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है और धारा-144 के उल्लंघन के लिए कोई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी लेकिन बंद के दौरान कानून व्यवस्था में बाधा नहीं पड़ना चाहिए।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश
किसानों के पंजाब बंद के एलान को देखते हुए पंजाब और हरियाणा सरकारों ने जिला उपायुक्तों, पुलिस कमिश्नरों और जिला पुलिस प्रमुखों से कहा है कि वे रेलवे पुलिस के अधिकारियों और सूबे की इंटेलिजेंस एजेंसियों के साथ साझा बैठक कर कानून व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करें।
एंबुलेंस सेवा, डॉक्टरों को तैयार रहने के निर्देश
दोनों राज्य सरकारों ने एंबुलेंस सेवा, सिविल सर्जनों, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी तैयार रखने को कहा गया है ताकि प्रदर्शनों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना में घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके।
रेलवे ट्रैक, स्टेशनों व राजमार्ग की वीडियोग्राफी होगी
गृह विभाग ने यह भी फैसला लिया है कि किसान आंदोलन के दौरान रिकॉर्ड के तौर पर राज्य की रेल लाइनों, रेलवे स्टेशनों और राजमार्ग पर प्रदर्शनों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाएगी। गृह विभाग ने इसके साथ ही पंजाब बंद की अवधि के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। रेल प्रशासन ने फिरोजपुर छावनी व शहर रेलवे स्टेशन के अलावा रेल ट्रैक की सुरक्षा में पंजाब पुलिस व आरपीएफ के लगभग 400 जवान तैनात किए हैं।
Created On :   25 Sept 2020 3:17 AM IST