उत्तराखंड में बाबा रामदेव को लगा तगड़ा झटका, इन 5 दवाओं के उत्पादन पर लगी रोक
- कलेस्टरॉल के इलाज में इन दवाईयों का उपयोग किया जाता
डिजिटल डेस्क, देहरादून। बाबा रामदेव की पतंजलि एक बार फिर सुर्खियों में आ चुकी है। आयुर्वेद और यूनानी लाइसेंस अथॉरिटी, उत्तराखंड के तरफ से पतंजलि के उत्पादन करने वाली दिव्य फार्मेसी को भाम्रक विज्ञापन का नाम देते हुए पांच दवाओं की उत्पादन को रोक देने को कहा है। इन पांच दवाओं के नाम है मधुग्रिट, लिपोडोम, थाइरोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और बीपीग्रिट। जो मधुमेह, बीपी, गॉइटर, ग्लूकोमा और कोलेस्टरॉल के इलाज में इन दवाईयों का उपयोग किया जाता है। पतंजलि को आयुर्वेद और यूनानी लाइसेंस अथॉरिटी की तरफ से बड़ा झटका लगा है।
क्या है पूरा मामला
केरल के रहने वाले एक डॉक्टर केवी बाबू ने जुलाई में शिकायत की थी। उन्होने फार्मेसी पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 ,ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक रूल्स 1945 और ड्रग्स एंड मैजिक रेमिडीज (ऑब्जेक्शनेबल अडवर्टाइजमेंट) एक्ट 1954 का लगातार उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। इससे पहले केवी बाबू ने 11 अक्टूबर को राज्य के लाइसेंसिंग अथॉरिटी को ईमेल के माध्यम से इसकी शिकायत की थी।
अथॉरिटी ने पतंजलि को फॉर्मुलेशन शीट के साथ लेबल में बदलाव करते हुए इन पांचो दवाईयों की मंजूरी एक बार फिर से लेने को कहा है। फार्मेसी को लेटर भेजा गया है जिसकी एक प्रति एचटी के पास है। ड्रग कंट्रोलर और जॉइंट डायरेक्टर डॉ. जीसीएन जंगपांगी ने कंपनी को अपने मीडिया से भाम्रक और आपत्तिजनक विज्ञापनों को तुरंत हटाने का आदेश दिया है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि कंपनी संसोधन के मंजूरी लेने के बाद ही फिर से इसे बना सकती है। इसके साथ आगामी भविष्य में स्वीकृत विज्ञापन चलाने की सलाह और उत्पादन लाइसेंस वापस लेने की चेतावनी दी है। कंपनी को अथॉरिटी के तरफ से इसका जवाब देने के लिए एक हफ्ते की मोहलत दी गयी है।
स्टेट अथॉरिटी ने आयुर्वेदिक और यूनानी ऑफिसर को कंपनी में जाने और एक हफ्ते के अंदर पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। हालांकि, पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने कहा कि उन्हें स्टेट लाइसेंसिग अथॉरिटी की ओर से अभी तक किसी प्रकार की लेटर नही मिली है। उन्होंने एचटी से कहा कि हमने सिर्फ मीडिया में लेटर के बारे में पढ़ा है। लेकिन कोई पुष्टि नहीं है, क्योंकि हमें यह नहीं मिला है।
Created On :   10 Nov 2022 7:50 PM IST