अयोध्या: मंदिर निर्माण के लिए भगवान राम के जन्म के मुहूर्तकाल में रखी जाएगी शिलान्यास, 5 नदियों के पवित्र जल से होगा भूमि पूजन
- 40 किलो की चांदी की ईंट रखकर पीएम करेंगे शुभारंभ
- 5 पावन नदियों के जल से किया जाएगा पूजन
- BHU के 3 विद्वानों को पूजन कराने की मिली जिम्मेदारी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अयोध्या में भगवान राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को उनके जन्म के मुहूर्तकाल में शिलान्यास किया जाएगा। बताया जा रहा है कि 40 किलो की चांदी की ईंट रखकर प्रधानमंत्री इसका शुभारंभ करेंगे। साढ़े तीन फीट अंदर रखी जाने वाली ईंट में नक्षत्रों का प्रतीक होगा। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार इस दिन सुबह बिघ्न विनाशक गौरी गणेश के आह्वान के साथ 5 पावन नदियों के जल से पूजन होगा। नवग्रह, सभी देवी देवताओं को भी राम के इस काज में आमंत्रित किया जाएगा। यह सभी शास्त्र सम्मत काम काशी विद्वत परिषद को सौंपी गई है। परिषद ने वेदांत, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के तीन विद्वानों के नामों पर मुहर लगाई है, जो भूमि और शिला पूजन शास्त्रीय विधि से संपन्न कराएंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि भूमि पूजन के अनुष्ठान 3 अगस्त से ही शुरू हो जाएंगे। इसके लिए काशी के विद्वान पंडितों को बुलाया जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए इसमें सीमित संख्या में लोग मौजूद रहेंगे।
इन्हें मिली पूजन कराने की जिम्मेदारी
विद्वत परिषद के संयोजक और बीएचयू के प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि बीएचयू संस्कृत विद्या धर्म संकाय के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर विनय पांडेय, प्रोफेसर रामचंद्र पांडेय और खुद मैं अयोध्या में भूमि पूजन के समय रहूंगा। उन्होंने बताया कि, भूमि व शिला पूजन के लिए चार बिंदु अहम हैं। उसी के आधार पर पूजन होगा।
ये हैं पूजन के प्रमुख चार चरण
- सुबह 8.30 बजे गणपति के आह्वान से पूजन प्रारम्भ होगा, ताकि विघ्नों का नाश हो।
- भगवान भास्कर समेत नवग्रहों के आह्वान कर उनका पूजन होगा।
- 5 नदियों के जल से पूजन होगा। इसके लिए प्रयागराज की त्रिवेणी, अयोध्या से सरयू और नर्मदा के जल से पूजन होगा।
- भगवान वरुण, इंद्र समेत सभी देवी देवताओं का आह्वान किया जाएगा। ताकि जब भगवान राम मंदिर शिलान्यास के पूजन के दौरान प्रधानमंत्री पूजन करेंगे तो तो सभी देवी देवता कल्पना के अनुसार पुष्प वर्षा करें।
ये हस्तियां हो सकती हैं शामिल
सूत्रों के अनुसार इस दौरान अयोध्या को भव्य तरीके से सजाया जाएगा। इस दौरान रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े तमाम लोगों को बुलाए जाने की चर्चा है। बताया जा रहा है कार्यक्रम में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के अलावा ऐसे नेताओं को भी बुलाया जा सकता है जो कभी राममंदिर के पक्ष में बोलते रहे हों। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को एक औपचारिक निमंत्रण भेजा गया है, लेकिन अभी तक उनके कार्यक्रम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि एक अस्थायी कार्यक्रम तय किया गया है। मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रस्तावित मंदिर में एक विश्व स्तरीय संग्रहालय भी होगा जहां लोग राम जन्मभूमि स्थल से खुदाई में निकली पुरातात्विक कलाकृतियों को देख सकेंगे।
इन शुभ मुहुर्त में होगा शिलान्यास
5 अगस्त को मध्यान्हकाल 11 बजकर 40 मिनट 29 सेकेंड से 12.बजकर 33 मिनट 9 सेकेंड तक होगा। इसी बीच प्रभु श्रीराम का जन्म भी हुआ था। काशी से हम सभी लोग शास्त्रीय मत और जानकार के रूप में वहां मौजूद रहेंगे। काशी विद्वत परिषद से हम लोगों के जाने की सूचना मिली है।
Created On :   21 July 2020 10:30 PM IST