असम बाढ़ : मरने वालों की संख्या 25 हुई, हालात में मामूली सुधार

Assam floods: Death toll rises to 25, slight improvement in situation
असम बाढ़ : मरने वालों की संख्या 25 हुई, हालात में मामूली सुधार
असम असम बाढ़ : मरने वालों की संख्या 25 हुई, हालात में मामूली सुधार
हाईलाइट
  • कुल 90
  • 597 लोग राहत शिविरों में रह रहे

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम का बड़ा हिस्सा 13 मई से ही मानसून-पूर्व बाढ़ से प्रभावित है। हालात में सोमवार को और सुधार हुआ, हालांकि 22 जिलों में 6.5 लाख लोग अभी भी संकट में हैं और इस दौरान एक और व्यक्ति की मौत हो गई है। कछार जिले में पिछले 24 घंटों में मरने वालों की संख्या 25 हो गई है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अधिकारियों ने कहा कि राज्य के 34 जिलों में से 22 में 1,709 गांवों के 1,25,471 बच्चों सहित कम से कम 6,50,402 लोग प्रभावित हुए हैं।

25 मौतों में से 20 बाढ़ में और पांच अलग-अलग जिलों में भूस्खलन में मारे गए। एएसडीएमए की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 82,503 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है। सभी प्रभावित क्षेत्रों में 366 राहत शिविर और 290 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं। कुल 90,597 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।

राज्य के सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में - अकेले नागांव में 3,51,070 लोग प्रभावित हुए, इसके बाद कछार में 1,98,128 लोग, होजई में 44,514, मोरीगांव में 40,345, दरांग में 7,763 और करीमगंज में 5,682 लोग प्रभावित हुए। सेना, असम राइफल्स, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, जिला प्रशासन के साथ, फंसे हुए लोगों को बचाने और असहाय पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को राहत प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। कोपिली नदी का पानी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।

एएसडीएमए की विज्ञप्ति में कहा गया है कि 24 मीट्रिक टन खाद्य पदार्थ, 1,500 लीटर खाना पकाने का तेल और 2,000 लीटर डीजल सोमवार को बाढ़ और भूस्खलन से तबाह दीमा हसाओ जिले के तीन दूरदराज के इलाकों - हरंगाजाओ, हाजाइचक और लीकुल में पहुंचा दिया गया है। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन, स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत, जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका, और पर्यावरण और वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य सहित कई मंत्री बचाव और राहत कार्यो की निगरानी के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में डेरा डाले हुए हैं।

दीमा हसाओ जिले में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के पहाड़ी खंड में स्थिति गंभीर बनी हुई है। क्षेत्र में बदहाली जारी है, जिससे लुमडिंग-बदरपुर सिंगल लाइन रेलवे मार्ग प्रभावित हुआ है, जो त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और दक्षिणी असम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे के अनुसार, लुमडिंग डिवीजन में जून के अंत तक ट्रेन सेवाएं या तो रद्द कर दी गई हैं।

 

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Created On :   24 May 2022 1:00 AM IST

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