असम बाढ़: मरने वालों की संख्या 24 हुई, स्थिति में मामूली सुधार
- राहत वितरण केंद्र खोले गए
डिजिटल,गुवाहाटी। असम में रविवार को बाढ़ के कारण दो और लोगों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 24 हो गई, जबकि बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है। राज्य के 34 में से 22 जिलों में 7.19 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अधिकारियों ने कहा कि ताजा मौतें नागांव (4), कछार और होजई जिलों में हुई हैं।
24 मौतों में से 19 लोग बाढ़ में और पांच अलग-अलग जिलों में भूस्खलन में मारे गए। एएसडीएमए की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 22 जिलों के 2,095 गांवों के 1,41,050 बच्चों सहित 7,19,425 लोग प्रभावित हुए हैं।
साथ ही कहा कि आपदा प्रतिक्रिया बलों और स्वयंसेवकों की मदद से कुल 24,749 फंसे हुए लोगों को निकाला गया है। सभी प्रभावित क्षेत्रों में 269 राहत शिविर और 152 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं। कुल 91,518 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। 95,473 हेक्टेयर से अधिक फसल प्रभावित हुई है।
सेना, असम राइफल्स, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, जिला प्रशासन के साथ, फंसे हुए लोगों को बचाने और असहाय पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को राहत प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
राज्य के सबसे अधिक प्रभावित जिलों में, 3,45,838, अकेले नागांव जिले में लोग प्रभावित हुए, इसके बाद कछार जिले में 2,29,275 लोग, होजई जिले में 58,393, मोरीगांव जिले में 38,538, दरांग जिले में 28,001, करीमगंज में 16,382 लोग प्रभावित हुए। दो नदियों कोपिली और दिसांग का पानी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।
एएसडीएमए की विज्ञप्ति में कहा गया है कि 2,000 लीटर डीजल और 12 मीट्रिक टन खाद्य पदार्थों को जोरहाट से रविवार को दीमा हसाओ जिले के तीन दूरस्थ स्थानों लाइसोंग, खेपरे और मजीदिसा में हवाई मार्ग से पहुंचाया गया है।
एनआईसी के तकनीकी सहयोग से डिब्रूगढ़ में जलतरंगिणी नामक एक आईओटी आधारित जल स्तर निगरानी प्रणाली का परीक्षण किया गया है, जिसके लागू होने से बाढ़ की भविष्यवाणी और पूर्व चेतावनी प्रणाली की सटीकता में और सुधार होगा।
इस बीच, यूनिसेफ ने जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए राहत शिविर प्रबंधन एसओपी के अनुसार बाढ़ राहत शिविरों की निगरानी में कछार, होजई, दरांग, विश्वनाथ, नगांव, मोरीगांव और दीमा हसाओ के डीडीएमए का समर्थन करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों और सलाहकारों की 7 टीमों को तैनात किया है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन, स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत, जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका और पर्यावरण एवं वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य समेत कई मंत्री राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में डेरा डाले हुए हैं। रक्षा प्रवक्ता, लेफ्टिनेंट कर्नल अंगोम बोबिन सिंह ने कहा कि सेना और असम राइफल्स के जवानों ने असम के विभिन्न हिस्सों में बचाव और राहत अभियान जारी रखा है।
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Created On :   23 May 2022 10:31 AM IST