1 मई तक भारत में संक्रमितों की संख्या होगी 2 करोड़ ! हर दिन आएंगे 5 लाख नए केस, 10 मिलियन वैक्सीन डोज की जरुरत रोज

Appointing more health workers is the last option for India
1 मई तक भारत में संक्रमितों की संख्या होगी 2 करोड़ ! हर दिन आएंगे 5 लाख नए केस, 10 मिलियन वैक्सीन डोज की जरुरत रोज
1 मई तक भारत में संक्रमितों की संख्या होगी 2 करोड़ ! हर दिन आएंगे 5 लाख नए केस, 10 मिलियन वैक्सीन डोज की जरुरत रोज
हाईलाइट
  • देश में 10 मिलियन वैक्सीन डोज की जरुरत रोज
  • 1 मई तक भारत संक्रमितों की संख्या होगी 2 करोड़ !
  • भारत में हर दिन आएंगे कोरोना 5 लाख नए केस !

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस महामारी बेकाबू हो चुकी है। एक्टिव केस की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मरने वालों के आंकड़ों में हर दिन इजाफा हो रहा है। हालांकि रिकवरी रेट पहले से बेहतर हुआ है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए हम हर दिन 10 मिलियन वैक्सीन के डोज की जरुरत होगी।

दरअसल, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ से जुड़े एक्सपर्ट गिरिधर आर बाबू और दीपा आर का कहना है कि भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 करोड़ के पार पहुंच जाएगी। वहीं, हर दिन 5 लाख केस आने की संभावना है। ऐसी स्थिति के लिए स्वास्थ्य विभाग को पहले से तैयार रहने की जरुरत है। इसके लिए सरकार को हेल्थकेयर की संख्या बढ़ाने पर जोर देना होगा। ताकि कोविड के बढ़ते मामलों को आसानी से संभाला जा सके। 

पूर्ण लॉकडाउन एक मात्र उपाय
गिरिधर आर बाबू और दीपा आर ने बताया कि वायरस के प्रसार की दर को कम करने के लिए कई तरह के काम किए जा सकता है। हमारी  स्वास्थ्य व्यवस्था इस वायरस को संभालने में सक्षम है। वहीं, अंतिम उपाय के रुप में देखा जाए तो राज्यों को पूर्ण रुप से लॉकडाउन लगाने पर संकोच नहीं करना चाहिए, चाहे वो शहर हो या ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या ज्यादा है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पहले से किए जा रहे प्रयासों में तेजी लानी होगी। इस बीमारी से संक्रमित लोगों की पहचान करना होगी और उन्हें आम लोगों से अलग करना होगा। ताकि कोरोना की चेन को ब्रेक किया जा सके। गौरतलब है कि ये बीमारी एक-दूसरे के संपर्क में आने पर तेजी से फैलती है। 

तीसरी लहर को रोकने लिए टीकाकरण आवश्यक
एक्सपर्ट का मानना हैं कि अगर इन उपायों पर सही तरीके से काम किया जाए तो संक्रमितों की संख्या के साथ मृत्यु दर में भी कमी आएगी। मरीजों में रेस्पिरेटरी सिस्टम जुड़ी समस्या का शुरुआती दौर में पता लगाना होगा। ऐसे मरीजों को समय पर ऑक्सीजन मिल सके इस काम में तेजी दिखानी होगी। चूकि हमारे देश में इस समय ऑक्सीजन की कमी एक बड़ी समस्या है। हम जिला स्तर पर छोटे शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में आईसीयू एवं ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था करनी होगी। मरीजों के लिए दवाईयों की खरीदारी एवं उन्हें पहुंचाने के लिए क्षमता को बढ़ना होगा। टीकाकरण एक मात्र उपाय है जो वायरस की तीसरी लहर को कम कर सकता है।

स्वास्थ्य प्रणाली में अनदेखी 
सरकार द्वारा 18वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण की शुरुआत करना एक अच्छी पहल है। अधिकारियों के अनुसार दूसरी खुराक ले लेने के बाद संक्रमण का स्तर 0.03-0.04 प्रतिशत रह जाता है। पोस्ट टीकाकरण की सफलता आशाजनक है। फिलहाल, टीकाकरण की गति अगले कुछ महीनों के लिए 10 मिलियन तक होनी चाहिए। 10 मिलियन खुराक कम से कम आम जनता तक पहुंचनी चाहिए। लंबे समय से भारत ने अपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में अनदेखी दिखाई है। महामारी हमारे लिए एक गंभीर चेतावनी है कि और भारत में उच्च समय जब हमें अपनी स्वास्थ्य सेवाओं एवं प्रणाली को मजबूत करने की ज़रुरत है। हमें स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक पैसे खर्च करने के साथ और ज़्यादा ध्यान देना चाहिए। हमे ज़्यादा से ज़्यादा नियुक्ति स्वास्थ्य चिकित्सकों के क्षेत्र में करनी होगी। डेटा पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए नई पहल करनी होगी। यह उनका निष्कर्ष है।   

 



 

Created On :   26 April 2021 4:02 PM IST

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